कानपुरः गोरखपुर में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में शुक्रवार को जिलाधिकारी विशाखा जी और कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण पीड़ित परिवार से मिले. इस दौरान जिलाधिकारी ने मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को 30 लाख का चेक सौंपा. बता दें परिवार वाले 10 लाख रुपये किए सरकार के आश्वासन से नाखुश थे और उन्होंने 50 लाख रुपये की मांग की थी.
बुधवार को कानपुर आए सीएम योगी ने मीनाक्षी गुप्ता से मुलाकात के बाद हर संभव मदद करने और धनराशि बढ़ाने का आश्वासन दिया था. मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को विधायक सुरेंद्र मैथानी, पुलिस कमिश्नर असीम अरुण और जिलाधिकारी विशाखा जी ने 30 लाख रुपये का चेक मनीष गुप्ता की पत्नी को सौंपा. मुख्यमंत्री योगी ने मनीष गुप्ता के परिजनों को पहले 10 लाख और शुक्रवार 30 लाख का चेक कुल मिलाकर 40 लाख दिया गया. इसके साथ सीबीआई जांच की भी प्रदेश सरकार ने संस्तुति कर केंद्र सरकार को प्रेषित कर दिया है. वहीं, जो जांच गोरखपुर में होनी थी उसको कानपुर में ट्रांसफर करा कर टीम का गठन करके उसके भी निर्देश जारी कर दिए हैं. अब जांच एक हाई अधिकारियों की कमेटी जांच करेगी.
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ये है पूरा मामला
कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ गोरखपुर घूमने आया था. सिकरीगंज का चंदन सैनी से तीनों की पुरानी दोस्ती थी. उसने ही कृष्णा पैलेस में अपने नाम पर कमरा बुक कराया था. बीते सोमवार की रात पुलिस चेकिंग करने के लिए पहुंची थी. इस दौरान एक कमरे में तीन लोगों के मौजूद होने पर पुलिस ने चेकिंग की. आरोप है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मनीष गुप्ता की जमकर पिटाई कर दी, जिससे मनीष गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इसके बाद पुलिस ने मनीष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. हालत नाजुक होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गई, जहां पर उसकी मौत हो गई. घटना के संबंध में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी गोरखपुर द्वारा प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल सहित 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. अब इस प्रकरण में इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.