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तेरी बाहों में देखूं सनम गैरों की बाहें, मैं लाऊंगा कहां से भला ऐसी निगाहें - एक शाम एकल के नाम कार्यक्रम

रविवार एकल भारत लोक शिक्षा परिषद संस्था की ओर से एक शाम एकल के नाम कार्यक्रम में गीतकार मनोज मुंतशिर शामिल हुए. मनोज मुंतशिर ने इसके बाद अपने किस्सों से ऐसा समां बांधा कि लगातार तालियां बजती रहीं.

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गीतकार मनोज मुंतशिर
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Published : Apr 10, 2022, 11:04 PM IST

कानपुरः जिले में रविवार को एकल भारत लोक शिक्षा परिषद संस्था की ओर से एक शाम एकल के नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गीतकार मनोज मुंतशिर शामिल हुए. 'तेरी बाहों में देखूं सनम गैरों की बाहें, मैं लाऊंगा कहां से भला ऐसी निगाहें' गीतकार एवं कवि मनोज मुंतशिर ने जैसे ही इन पंक्तियों को पढ़ा तो जीएसवीएम मेडिकल सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

गीतकार मनोज मुंतशिर

मनोज मुंतशिर ने इसके बाद अपने किस्सों से ऐसा समां बांधा कि लगातार तालियां बजती रहीं. वहीं, जब उन्होंने देशभक्ति पर आधारित गीतों को गुनगुनाया तो भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे भी गूंजे. जैसे ही उन्होंने इन पंक्तियों को पढ़ा, 'जो करना है आज कर लो, सर पर कल सूरज पिघलेगा..तो याद करोगे मां से घना कोई दरख्त नही था..' इसके बाद तो श्रोताओं ने काफी देर तक तालियां बजाईं. यहां डाॅ. एएस प्रसाद, सुरेंद्र गुप्ता गोल्डी, ध्रुव रुइया डाॅ. प्रवीण कटियार, ममता अवस्थी, राव विक्रम सिंह समेत संस्था के कई पदाधिकारियों ने मनोज मुंतशिर का स्वागत किया.

पढ़ेंः इस नेता ने बेटी की वेडिंग कार्ड पर दिया संविधान का अनोखा मैसेज

गीतकार मनोज मुंतशिर ने मंच पर आते ही कहा कि कानपुर उनके दिल में बसा है. उन्होंने याद दिलाया कि सन 1989-90 में वह अमेठी से इंटरसिटी ट्रेन पकड़कर ग्रीनपार्क स्टेडियम में मैच देखने आते थे. इसके अलावा उन्होंने कानपुर के लड्डू खूब खाए हैं. मनोज मुंतशिर ने बताया कि कानपुर में बॉलीवुड गायक अंकित तिवारी रहते हैं जो उनके छोटे भाई की तरह हैं. साथ ही कहा कि उन्होंने अपने जीवन में जो सबसे अच्छा गाना- तेरी गलियां..लिखा उसमें अंकित का विशेष रूप से सहयोग रहा.

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कानपुरः जिले में रविवार को एकल भारत लोक शिक्षा परिषद संस्था की ओर से एक शाम एकल के नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान गीतकार मनोज मुंतशिर शामिल हुए. 'तेरी बाहों में देखूं सनम गैरों की बाहें, मैं लाऊंगा कहां से भला ऐसी निगाहें' गीतकार एवं कवि मनोज मुंतशिर ने जैसे ही इन पंक्तियों को पढ़ा तो जीएसवीएम मेडिकल सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

गीतकार मनोज मुंतशिर

मनोज मुंतशिर ने इसके बाद अपने किस्सों से ऐसा समां बांधा कि लगातार तालियां बजती रहीं. वहीं, जब उन्होंने देशभक्ति पर आधारित गीतों को गुनगुनाया तो भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे भी गूंजे. जैसे ही उन्होंने इन पंक्तियों को पढ़ा, 'जो करना है आज कर लो, सर पर कल सूरज पिघलेगा..तो याद करोगे मां से घना कोई दरख्त नही था..' इसके बाद तो श्रोताओं ने काफी देर तक तालियां बजाईं. यहां डाॅ. एएस प्रसाद, सुरेंद्र गुप्ता गोल्डी, ध्रुव रुइया डाॅ. प्रवीण कटियार, ममता अवस्थी, राव विक्रम सिंह समेत संस्था के कई पदाधिकारियों ने मनोज मुंतशिर का स्वागत किया.

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गीतकार मनोज मुंतशिर ने मंच पर आते ही कहा कि कानपुर उनके दिल में बसा है. उन्होंने याद दिलाया कि सन 1989-90 में वह अमेठी से इंटरसिटी ट्रेन पकड़कर ग्रीनपार्क स्टेडियम में मैच देखने आते थे. इसके अलावा उन्होंने कानपुर के लड्डू खूब खाए हैं. मनोज मुंतशिर ने बताया कि कानपुर में बॉलीवुड गायक अंकित तिवारी रहते हैं जो उनके छोटे भाई की तरह हैं. साथ ही कहा कि उन्होंने अपने जीवन में जो सबसे अच्छा गाना- तेरी गलियां..लिखा उसमें अंकित का विशेष रूप से सहयोग रहा.

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