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कानपुर: सिद्ध परमट मंदिर में लगा शिव भक्तों का लगा जमावड़ा - सावन का तीसरा सोमवार

यूपी के कानपुर जिले के प्रसिद्ध परमट मंदिर में नाग पंचमी के दिन शिव भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिली. लोग यहां आ रहे हैं और शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां आने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है.

परमट मंदिर में लगी शिव भक्तों की कतार
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Published : Aug 5, 2019, 8:26 AM IST

कानपुर: सावन के तीसरे सोमवार को प्रसिद्ध परमट मंदिर हर-हर महादेव और बम-बम भोले के उद्घोष से गूंज उठा. बाबा शिव के दर्शन के लिए श्रद्धालु रात से लाइन में लग गए थे. यहां पर सच्चे दिल से पूजा करने वाले की मनोकामना जरूर पूरी होती है. किसी भी तरह के भगदड़ से बचने के लिए प्रशासन ने मंदिर परिसर में पुख्ता इंतजाम किए हैं.

सिद्ध परमट मंदिर परिसर.

सिद्ध परमट मंदिर में लगा शिव का जयकारा-
परमट मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होने की वजह से परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. श्रद्धालुओं की बड़ी तादात होने के कारण मंदिर का पट रात 2 बजे ही खुल जाते हैं. पट खुलने के बाद बाबा शिव का बेल पत्ती और फूलों से श्रृंगार किया जाता है. शिव भक्तों की कतारें इतनी लंबी थी कि हर थोड़ी दूर पर पुलिस जवान तैनात थे. इस मंदिर में सावन के पवित्र दिन का विशेष महत्व है.

इस मंदिर को लेकर लोगों की पुरानी आस्था है कि यहां आनंदी नाम की गाय अपना दूध गिरा देती थी, जिससे बाद में किसानों ने खुदाई कराई तो बाबा का शिवलिंग निकला. इसी के बाद मंदिर का नाम आनदेश्वर पड़ा और यह लोगों के आस्था का प्रतीक बन गया.

कानपुर: सावन के तीसरे सोमवार को प्रसिद्ध परमट मंदिर हर-हर महादेव और बम-बम भोले के उद्घोष से गूंज उठा. बाबा शिव के दर्शन के लिए श्रद्धालु रात से लाइन में लग गए थे. यहां पर सच्चे दिल से पूजा करने वाले की मनोकामना जरूर पूरी होती है. किसी भी तरह के भगदड़ से बचने के लिए प्रशासन ने मंदिर परिसर में पुख्ता इंतजाम किए हैं.

सिद्ध परमट मंदिर परिसर.

सिद्ध परमट मंदिर में लगा शिव का जयकारा-
परमट मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होने की वजह से परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. श्रद्धालुओं की बड़ी तादात होने के कारण मंदिर का पट रात 2 बजे ही खुल जाते हैं. पट खुलने के बाद बाबा शिव का बेल पत्ती और फूलों से श्रृंगार किया जाता है. शिव भक्तों की कतारें इतनी लंबी थी कि हर थोड़ी दूर पर पुलिस जवान तैनात थे. इस मंदिर में सावन के पवित्र दिन का विशेष महत्व है.

इस मंदिर को लेकर लोगों की पुरानी आस्था है कि यहां आनंदी नाम की गाय अपना दूध गिरा देती थी, जिससे बाद में किसानों ने खुदाई कराई तो बाबा का शिवलिंग निकला. इसी के बाद मंदिर का नाम आनदेश्वर पड़ा और यह लोगों के आस्था का प्रतीक बन गया.

Intro:
कानपुर:सावन के तीसरे सोमवार में हर हर महादेव से गूंजा आनंदेश्वर शिव धाम


सावन के तीसरे सोमवार को परमट मंदिर हर हर महादेव, बम बम भोले के उद्घोष से गूंज उठा। बाबा शिव के दर्शन के लिए रात से श्रद्धालु दर्शन के लिए लाइन में लग गये थे। बहुत ही सिद्ध मंदिर है परमट मंदिर। यह पर सच्चे दिल से पूजा करने वाले कि मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसके साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम जिला प्रशासन ने किया है। जिससे कि किसी तरह से भगदड़ की स्थिति न बन सके।


 


Body:मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है। क्योंकि परमट मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। रात से ही श्रद्धालु के भीड़ लग जाती है और 2 बजे पठ खुल जाते है। उसके बाद दर्शन बाबा शिव के होते है। बेल पत्ती और फूलों का श्रृंगार किया जाता है।


मंदिर परिसर के अंदर भी बड़ी भीड़ थी। रात से लाइन में लगे थे और 3 से 4 घंटे बाद श्रद्धालु को दर्शन मिल सके। हर थोड़ी दूर पर पुलिस के जवान तैनात थे। पुरुष और महिलाओं की अलग अलग लाइन लगायी गई।


परमट मंदिर काफी सिद्ध मंदिर है। नित्य दर्शन से श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है। सावन के सोमवार का क्या ख़ास महत्व है, इसके बारे मे मंदिर के आचार्य ने बताया और इसके साथ ही मंदिर के महंत ने भी बताया कि आज का दिन किस लिए शुभ है। 





Conclusion:तो इसलिए आनंदेश्वर नाम पड़ा


इस मंदिर की बहुत पुरानी लोगो की आस्था है यहाँ के आनंदी नाम की गाय अपना दूध गिरा देती थी जिसमे बाद में किसानो ने खुदाई करायी तो बाबा का शिव लिंग निकाला जिस पर मंदिर का नाम आनदेश्वर पड़ा और इसके बाद लोगो की आस्था का प्रतीक बना आज सावन के सोमवार में लाखो की संख्या में श्रद्धालु दर्शन का लाभ उठाते है और बाबा से मनचाहा फल प्राप्त करते है।


रजनीश दीक्षित
कानपुर ।
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