कानपुर : दहशत का पर्याय रहे डी-2 गैंग के चार शूटरों को साल 2009 में हुई हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उम्रकैद की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. शूटरों ने 14 साल पहले हीरामन का पुरवा बेकनगंज में रंगदारी नहीं देने पर प्रॉपर्टी डीलर फुरकान अहमद को घर में घुसकर गोलियों से भून दिया था. इस हत्याकांड की गूंज पूरे उप्र में सुनाई दी थी. मृतक के बेटे ने बेकनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई तो पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली.
फिल्मी अंदाज में अपराध करते थे डी-2 गैंग के सदस्य: 10 साल पहले तक डी-2 गैंग के शूटरों की तूती बोलती थी. उस दौर में इस गैंग के अपराधी फिल्मी अंदाज में वारदात को अंजाम देते थे. अपराधियों का खौफ इतना था कि स्थानीय स्तर पर पुलिस इनसे भिड़ने से बचती थी. मगर, स्पेशल टास्क फोर्स का गठन होने के बाद इस गैंग की कमर तोड़ दी गई. कुछ सदस्य पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए.
रंगदारी न देने पर फुरकान अहमद को मारी थी गोली : बेकनगंज हीरामन का पुरवा निवासी गुरफान अहमद ने बताया कि 8 अप्रैल 2009 को दरवाजे पर आहट हुई. मोहल्ले के डी-2 गैंग के बदमाश रफाकत, सोनी उर्फ अजमत, रिंटू उर्फ रिजवान और शरीफ धक्का देते हुए घर के भीतर घुस आए. ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उसके पिता फुरकान अहमद की हत्या कर दी. फुरकान प्रॉपर्टी डीलर थे. आरोपी उनसे रंगदारी वसूलना चाहते थे. लेकिन उन्होंने रंगदारी देने से मना कर दिया तो उनकी हत्या कर दी.
हर किसी को था फैसले का इंतजार: शहर के इस चर्चित हत्याकांड में हर किसी को फैसले का इंतजार था. शनिवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज श्रद्धा त्रिपाठी ने सुनवाई पूरी होने के बाद आरोपी रफाकत, रिंटू, सोनी उर्फ अजमत और शरीफ को हत्या के मामले में आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर आरोपियों को तीन-तीन महीने का कारावास और भुगतना होगा. वहीं आर्म्स एक्ट के मामले में तीनों आरोपियों को तीन-तीन साल सश्रम कारवास की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अर्थदंड की आधी रकम फुरकान की पत्नी जाहिदा बेगम को देनी होगी. शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र पांडेय ने इस मामले में पीड़ित पक्ष की पैरवी की.
यह भी पढ़ें : Kanpur Dehat में जमीन के विवाद में दो लोगों की हत्या, तीन लोग गंभीर रूप से घायल