कानपुरः शहीद राजबहादुर यादव का शव मंगलवार को उनके गढ़ेवा मोहसीन पुर गांव पहुंचा. पूरे सैन्य सम्मान के साथ गांव के पास ही उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
शव घर पहुंचते ही मचा कोहराम!
शहीद जवान का शव उनके पैतृक गांव गढ़ेवा मोहसीनपुर जैसे ही पहुंचा परिवारी जनों में कोहराम मच गया आपको बता दें कि जवान की ट्रेनिंग के दौरान सिकंदराबाद में मौत हो गई थी. लगभग 72 घंटे बाद आज उसका शव घर पहुंचा. शहीद जवान की पत्नी रो-रोकर बेहोश हो जा रही थी.
शहीद के भाई रमन ने बताया कि परिवार में शहीद की पत्नी मोनिका और तीन बच्चे अंशुल (17), अनुज (12), यस 8 वर्ष हैं. उनके परिवार में चार भाई और तीन बहने हैं, जबकि उनका एक और भाई भी आर्मी में है. उनके पिता सुग्रीव सिंह यादव गांव में ही रहते हैं घटना की जानकारी के बाद पत्नी मोनिका का रो-रोकर बुरा हाल है.
शहीद राजबहादुर यादव सन् 2000 में हुए थे सेना भर्ती
मोनिका बार-बार यही कह रही थी अभी तो आपने कहा था कि जल्दी वापस आएंगे अब मेरे बच्चों का क्या होगा. वह अब आगे क्या करेंगे परिवारी जन बार-बार उनको समझाने की कोशिश कर रहे थे. कई बार हह बेहोश हो जा रही थी. राजबहादुर यादव सन् 2000 में सेना में भर्ती हुए थे पिछले 17 सालों से वह सेना में कार्यरत थे आसपास के लोगों का कहना था कि उनका स्वभाव बड़ा ही मिलनसार था वह लड़कों को प्रेरित करते थे कि वह आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करें.
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पिछले रविवार को हुई थी बहन से बात
इस घटना के बाद पूरा गांव शोक में डूबा है. उनकी बहन ने बताया अंतिम बार वह 21 जुलाई को घर आए थे और 7 अगस्त को वापस गए थे. पिछले रविवार को उनकी बात हुई थी. उसके बाद उनकी कोई बात नहीं हुई. वह कह रहे थे कि जल्दी ट्रेनिंग पूरी कर कर वे वापस आएंगे पर इस तरह की घटना हो जाएगी हमें अहसास नहीं था.
जनप्रतिनिधियों ने भी दी श्रद्धांजलि
शहीद जवान को ग्रमीणों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. आर्य नगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेई बिठूर के पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला और बिधनू ब्लॉक प्रमुख रमेश यादव ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का जनसमूह उमड़ पड़ा.
14 गार्ड बटालियन ने दी शहीद को अंतिम सलामी
कानपुर की 14 गार्ड बटालियन शहीद को अंतिम सलामी प्रदान की शहीद के शव का अंतिम संस्कार उसके घर के समीप ही उनके खेत में किया गया है, जहां पर पुलिस के जवानों ने भी शहीद को अंतिम सलामी दी.