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कानपुरः 72 घंटे देर से पहुंचा शहीद का शव, पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार

सिकंदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुए कानपुर के लाल का मंगलवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हुआ. लगभग 72 घंटे देर से पहुंचे शहीद के शव का अंतिंम दर्शन के लिए जनता और नेता दोनों की भीड़ उमड़ पड़ी.

शहीद राजबहादुर यादव को शलामी देते सेना के जवान.
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Published : Sep 17, 2019, 5:43 PM IST

कानपुरः शहीद राजबहादुर यादव का शव मंगलवार को उनके गढ़ेवा मोहसीन पुर गांव पहुंचा. पूरे सैन्य सम्मान के साथ गांव के पास ही उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

शव घर पहुंचते ही मचा कोहराम!
शहीद जवान का शव उनके पैतृक गांव गढ़ेवा मोहसीनपुर जैसे ही पहुंचा परिवारी जनों में कोहराम मच गया आपको बता दें कि जवान की ट्रेनिंग के दौरान सिकंदराबाद में मौत हो गई थी. लगभग 72 घंटे बाद आज उसका शव घर पहुंचा. शहीद जवान की पत्नी रो-रोकर बेहोश हो जा रही थी.

शहीद राजबहादुर यादव के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़.

शहीद के भाई रमन ने बताया कि परिवार में शहीद की पत्नी मोनिका और तीन बच्चे अंशुल (17), अनुज (12), यस 8 वर्ष हैं. उनके परिवार में चार भाई और तीन बहने हैं, जबकि उनका एक और भाई भी आर्मी में है. उनके पिता सुग्रीव सिंह यादव गांव में ही रहते हैं घटना की जानकारी के बाद पत्नी मोनिका का रो-रोकर बुरा हाल है.

शहीद राजबहादुर यादव सन् 2000 में हुए थे सेना भर्ती
मोनिका बार-बार यही कह रही थी अभी तो आपने कहा था कि जल्दी वापस आएंगे अब मेरे बच्चों का क्या होगा. वह अब आगे क्या करेंगे परिवारी जन बार-बार उनको समझाने की कोशिश कर रहे थे. कई बार हह बेहोश हो जा रही थी. राजबहादुर यादव सन् 2000 में सेना में भर्ती हुए थे पिछले 17 सालों से वह सेना में कार्यरत थे आसपास के लोगों का कहना था कि उनका स्वभाव बड़ा ही मिलनसार था वह लड़कों को प्रेरित करते थे कि वह आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करें.

इसे भी पढ़ेंः- कानपुर देहात: बाढ़ के कहर से तबाही का दौर चालू, पलायन करने पर मजबूर ग्रामीण

पिछले रविवार को हुई थी बहन से बात
इस घटना के बाद पूरा गांव शोक में डूबा है. उनकी बहन ने बताया अंतिम बार वह 21 जुलाई को घर आए थे और 7 अगस्त को वापस गए थे. पिछले रविवार को उनकी बात हुई थी. उसके बाद उनकी कोई बात नहीं हुई. वह कह रहे थे कि जल्दी ट्रेनिंग पूरी कर कर वे वापस आएंगे पर इस तरह की घटना हो जाएगी हमें अहसास नहीं था.

जनप्रतिनिधियों ने भी दी श्रद्धांजलि
शहीद जवान को ग्रमीणों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. आर्य नगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेई बिठूर के पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला और बिधनू ब्लॉक प्रमुख रमेश यादव ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का जनसमूह उमड़ पड़ा.

14 गार्ड बटालियन ने दी शहीद को अंतिम सलामी
कानपुर की 14 गार्ड बटालियन शहीद को अंतिम सलामी प्रदान की शहीद के शव का अंतिम संस्कार उसके घर के समीप ही उनके खेत में किया गया है, जहां पर पुलिस के जवानों ने भी शहीद को अंतिम सलामी दी.

कानपुरः शहीद राजबहादुर यादव का शव मंगलवार को उनके गढ़ेवा मोहसीन पुर गांव पहुंचा. पूरे सैन्य सम्मान के साथ गांव के पास ही उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

शव घर पहुंचते ही मचा कोहराम!
शहीद जवान का शव उनके पैतृक गांव गढ़ेवा मोहसीनपुर जैसे ही पहुंचा परिवारी जनों में कोहराम मच गया आपको बता दें कि जवान की ट्रेनिंग के दौरान सिकंदराबाद में मौत हो गई थी. लगभग 72 घंटे बाद आज उसका शव घर पहुंचा. शहीद जवान की पत्नी रो-रोकर बेहोश हो जा रही थी.

शहीद राजबहादुर यादव के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़.

शहीद के भाई रमन ने बताया कि परिवार में शहीद की पत्नी मोनिका और तीन बच्चे अंशुल (17), अनुज (12), यस 8 वर्ष हैं. उनके परिवार में चार भाई और तीन बहने हैं, जबकि उनका एक और भाई भी आर्मी में है. उनके पिता सुग्रीव सिंह यादव गांव में ही रहते हैं घटना की जानकारी के बाद पत्नी मोनिका का रो-रोकर बुरा हाल है.

शहीद राजबहादुर यादव सन् 2000 में हुए थे सेना भर्ती
मोनिका बार-बार यही कह रही थी अभी तो आपने कहा था कि जल्दी वापस आएंगे अब मेरे बच्चों का क्या होगा. वह अब आगे क्या करेंगे परिवारी जन बार-बार उनको समझाने की कोशिश कर रहे थे. कई बार हह बेहोश हो जा रही थी. राजबहादुर यादव सन् 2000 में सेना में भर्ती हुए थे पिछले 17 सालों से वह सेना में कार्यरत थे आसपास के लोगों का कहना था कि उनका स्वभाव बड़ा ही मिलनसार था वह लड़कों को प्रेरित करते थे कि वह आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करें.

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पिछले रविवार को हुई थी बहन से बात
इस घटना के बाद पूरा गांव शोक में डूबा है. उनकी बहन ने बताया अंतिम बार वह 21 जुलाई को घर आए थे और 7 अगस्त को वापस गए थे. पिछले रविवार को उनकी बात हुई थी. उसके बाद उनकी कोई बात नहीं हुई. वह कह रहे थे कि जल्दी ट्रेनिंग पूरी कर कर वे वापस आएंगे पर इस तरह की घटना हो जाएगी हमें अहसास नहीं था.

जनप्रतिनिधियों ने भी दी श्रद्धांजलि
शहीद जवान को ग्रमीणों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. आर्य नगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेई बिठूर के पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला और बिधनू ब्लॉक प्रमुख रमेश यादव ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का जनसमूह उमड़ पड़ा.

14 गार्ड बटालियन ने दी शहीद को अंतिम सलामी
कानपुर की 14 गार्ड बटालियन शहीद को अंतिम सलामी प्रदान की शहीद के शव का अंतिम संस्कार उसके घर के समीप ही उनके खेत में किया गया है, जहां पर पुलिस के जवानों ने भी शहीद को अंतिम सलामी दी.

Intro:कानपुर :- घर पहुंचा शहीद का शव , पूरा गांव आया आखिरी विदाई देने ।

लगभग 72 घंटे बाद  शहीद हुए जवान का शव  कानपुर उसके  घर में पहुंचा सिकंदराबाद में सेना के हवलदार पद की ट्रेनिंग करते हुए कानपुर का लाल शहीद हो गया जानकारी के मुताबिक कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र अंतर्गत गढेवा मोहसीन पुर गांव निवासी आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात राजबहादुर यादव कि शनिवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई वह पदोन्नति के बाद 2 माह पूर्व हैदराबाद में सिकंदराबाद ट्रेनिंग करने गए थे शनिवार रात मुख्यालय से फोन आने के बाद परिवार जनों को मामले की जानकारी हुई घटना की जानकारी पाकर परिवारी जनों में कोहराम मच गया वर्तमान में वह लखनऊ में तैनात थे रविवार को देर शाम शव घर पहुंचने की उम्मीद है राजबहादुर सिंह के भाई रमन के मुताबिक सेना के ई एम ई कोर मैं वे लखनऊ में हवलदार के पद पर तैनात थे उनके अनुसार अभी मौत के कारणों का सही जानकारी नहीं हुई है परिवार में उनकी पत्नी मोनी और 3 बच्चे अंशुल 17 वर्ष अनुज 12 वर्ष यस 8 वर्ष है उनके परिवार में चार भाई और 3 बहने हैं जबकि उनका एक और भाई  और भी आर्मी में है उनके पिता सुग्रीव सिंह यादव गांव में ही रहते हैं घटना की जानकारी के बाद पत्नी मोनिका रो कर बुरा हाल है वह बार-बार यही कह रही थी अभी तो आपने कहा था कि जल्दी वापस आएंगे अब मेरे बच्चों का क्या होगा वह अब आगे क्या करेंगे परिवारी जन बार-बार उनको समझाने की कोशिश कर रहे थे कई बार बेहोश हो जा रही थी सन 2000 में सेना में भर्ती हुए थे विगत 17 सालों से वह सेना में कार्यरत थे आसपास के लोगों का कहना था कि उनका स्वभाव बड़ा ही मिलनसार था वह लड़कों को प्रेरित करते थे कि वह आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करें वह अपने बच्चों को भी देश सेवा के लिए प्रेरित करते थे इस तरह की घटना होने के बाद पूरा गांव शोक में डूबा है उनकी बहन ने बताया अंतिम बार वह 21 जुलाई को घर आए थे और 7 अगस्त को वापस गए थे पिछले रविवार को उनकी बात हुई थी उसके बाद उनकी कोई बात नहीं हुई वह कह रहे थे जल्दी ट्रेनिंग पूरी कर कर मैं वापस आएंगे पर इस तरह की घटना हो जाएगी हमें एहसास नहीं था हमें मुख्यालय से जानकारी मिली पर अभी तक यह जानकारी स्पष्ट नहीं मिल पाई है 






Body:सब घर पहुंचते ही मचा कोहराम

शहीद जवान का शो जैसे ही घर पहुंचा परिवारी जनों में कोहराम मच गया आपको बता दें  जवान की ट्रेनिंग के दौरान हैदराबाद की सिकंदराबाद में मौत हो गई थी लगभग 72 घंटे बाद आज उसका सब घर पहुंचा शहीद जवान की पत्नी बार-बार रो कर कह रही थी कि वह हमें छोड़कर नहीं जा सकते बच्चों का भी रो-रो कर बुरा हाल था



ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधि ने भी दी श्रद्धांजलि

शहीद जवान को गाड़ियों के साथी जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की आर नगर विधानसभा से विधायक अमिताभ बाजपेई बिठूर के पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला और बिधनू ब्लॉक प्रमुख रमेश यादव ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोगों का जनसमूह उमड़ पड़ा

14 गार्ड बटालियन ने दी शहीद को अंतिम सलामी

कानपुर की 14 गार्ड बटालियन शहीद को अंतिम सलामी प्रदान की शहीद के शव का अंतिम संस्कार उसके घर के समीप ही उनके खेत में किया गया है जहां पर पुलिस के जवानों ने भी शहीद को अंतिम सलामी दी

अखण्ड प्रताप सिंह
कानपुर ।


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