कानपुर: शहर में कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (केस्को) के अफसर भले ही यह दावा करते हों, कि उनके विभाग में सारा काम सही से हो रहा है पर ऐसा हकीकत में बिल्कुल नहीं है. केस्को के अफसरों के होश उस समय उड़ गए थे, जब हैकर्स ने कुछ दिनों पहले ही केस्को की वेबसाइट को हैक किया और 1500 से अधिक उपभोक्ताओं द्वारा आनलाइन जमा की गई बिल राशि- करीब 1.48 करोड़ रुपये को दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया था. पुलिस ने इस मामले का खुलासा जरूर कर दिया, मगर केस्को की वेबसाइट पर सुरक्षा के नजरिए से कोई खास प्रबंध न होने को लेकर भी कई सवाल उठ गए. लोगों का कहना था, कि जब पूरी दुनिया में साइबर फ्रॉड चरम पर है फिर भी इस सरकारी संस्थान ने अपनी वेबसाइट के फीचर्स को अपग्रेड नहीं किया. बहुत किरकिरी होने के बाद अब अफसरों ने यह फैसला किया है कि वेबसाइट को बंद न करके उसमें सिक्योरिटी फीचर्स को अपग्रेड कराया जाएगा.
इस पूरे मामले पर केस्को एमडी सैमुअल पॉल ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात की. केस्को एमडी सैमुअल पॉल ने कहा कि उपभोक्ताओं की गतिविधियों को देखते हुए हम वेबसाइट को बंद नहीं करेंगे. आईआईटी समेत अन्य तकनीकी संस्थानों से बात करेंगे और बेहतर सिक्योरिटी फीचर्स से अपने सर्वर को अपग्रेड कराएंगे जिससे आगामी समय में अगर कोई हैकर अपराध करने की कोशिश करता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिल सके.
केस्को के अफसरों को जैसे ही वेबसाइट हैक की जानकारी मिली थी तो कई दिनों तक वेबसाइट को बंद करना पड़ा था. इसका खामियाजा सबस्टेशन पर बैठे कर्मियों व बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा था. कर्मियों का कहना था कि बिलिंग के काम में वेबसाइट की भूमिका सबसे अहम है. हालांकि अब केस्को की वेबसाइट पूरी तरह से संचालित है.
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