कानपुर: 'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...' यह पंक्तियां शहर की शेफ कविता सिंह पर बिल्कुल फिट बैठती हैं. जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए, पाक कला के जरिये न सिर्फ अपनी पहचान स्थापित की. साथ ही अन्य महिलाओं को भी कुकिंग के गुर सिखा रही है.
शुरुआत से ही कविता की कुकिंग में रुचि थी. वह अपने साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी कुकिंग सिखाना चाहती थीं, लेकिन पति के गुजरने के बाद विकट परिस्थितियों ने उन्हें घेर लिया. घर की माली हालत भी ठीक नहीं थी. इसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने कुकिंग क्लास की शुरुआत की. इस दौरान काफी दिक्कतें आईं, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक होता गया.
गरीब बेटियों को देती हैं निशुल्क प्रशिक्षण
बता दें कि कविता गरीब तबके से ताल्लुक रखने वाली बेटियों को निशुल्क प्रशिक्षण देती हैं. उन्होंने बताया कि वह अभी तक 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स को कुकिंग सिखा चुकी हैं. अभी 30 बच्चों को कुकिंग का प्रशिक्षण दे रही हैं.
मिल चुके हैं कई अवार्ड
मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर आगे बढ़ीं कविता को नेशनल बिजनेस अवार्ड, नेशनल फूड अवार्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. कविता का कहना है कि इस काम में उन्हें जितनी खुशी मिलती है, उसको बयां नहीं किया जा सकता.
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