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Kanpur University of Agriculture and Technology : जापान के सहयोग विश्विद्यालय में तैयार होंगे कृषि उत्पाद

कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Kanpur University of Agriculture and Technology) में जापान की कंपनियों की मदद से प्रोसेसिंग मशीनें, हार्वेस्टर, बैट्री ऑपरेटेड वेहीकल समेत कई अन्य उपकरण तैयार किए जाएंगे, विवि व जापान के कृषि मंत्रालय के बीच वर्ष 2018 में हुए करार के तहत जापानी दल 20 जनवरी को कानपुर पहुंचेगा.

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Published : Jan 16, 2023, 4:47 PM IST

देखें पूरी खबर.

कानपुर : शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) से शहर व आसपास अन्य जिलों के लाखों किसान जुड़े हैं. सूबे के कई शहरों से किसान आकर यहां तैयार होने वाले उन्नत किस्म के बीज लेते हैं. कृषि वैज्ञानिकों से सलाह-मशविरा करते हैं. जिससे उनकी फसलों की अच्छी पैदावार हो. अब प्रदेश के तमाम शहरों के किसानों को सीएसए विवि से आधुनिक तकनीकों वाले सस्ते व टिकाऊ उपकरण भी मिल सकेंगे.


ऐसा पहली बार होगा जब सीएसए विवि की जमीन पर जापान की कंपनियां अपना सेटअप लगाएंगी और यहां उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए कृषि कार्यों से संबंधित उपकरण तैयार कर सकेंगी. दरअसल वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार और जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार हुआ था. तब सरकार की ओर से सीएसए विवि को चिन्हित करते हुए जापान की कंपनियों के प्रतिनिधियों को विवि भेजा गया था. प्रतिनिधियों ने विवि के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया था और जरूरी डाटा भी एकत्र किया था. अब एक बार फिर से 20 जनवरी को जापान की कंपनियों के प्रतिनिधि विवि आ रहे हैं और वह कृषि वैज्ञानिकों से बात करेंगे. इसके बाद कंपनियों की ओर से यहां अपना उद्यम स्थापित किया जाएगा. जिसमें शहर के कई उद्योगपति भी हिस्सा लेंगे.

विवि की पांच हेक्टेयर भूमि चिन्हित : सीएसए में निदेशक शोध डाॅ. विजय यादव ने बताया कि इस पूरी कवायद के लिए सीएसए विवि की पांच हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है. जब कंपनियां अपना उद्यम लगाएंगी तो उनके साथ विवि के कृषि वैज्ञानिक मिलकर जरूरी उत्पादों को तैयार कराएंगे. हमारा मकसद होगा कि हम चीन के बाजार को पूरी तरह से खत्म कर दें. पहले चरण में हार्वेस्टर, रोटावेटर, कोरोवेटर, ग्रासकटर, प्रोसेसिंग मशीन, स्प्रिंकलर, ट्रैक्टर के साथ उपयोग किए जाने वाले उपकरण, बैट्री ऑपरेटेड वेहीकल आदि को तैयार किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : Chaudhary Bhupendra Singh: बोले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, आगामी चुनाव में जीतेंगे पांचों सीटें

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कानपुर : शहर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) से शहर व आसपास अन्य जिलों के लाखों किसान जुड़े हैं. सूबे के कई शहरों से किसान आकर यहां तैयार होने वाले उन्नत किस्म के बीज लेते हैं. कृषि वैज्ञानिकों से सलाह-मशविरा करते हैं. जिससे उनकी फसलों की अच्छी पैदावार हो. अब प्रदेश के तमाम शहरों के किसानों को सीएसए विवि से आधुनिक तकनीकों वाले सस्ते व टिकाऊ उपकरण भी मिल सकेंगे.


ऐसा पहली बार होगा जब सीएसए विवि की जमीन पर जापान की कंपनियां अपना सेटअप लगाएंगी और यहां उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए कृषि कार्यों से संबंधित उपकरण तैयार कर सकेंगी. दरअसल वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार और जापान के कृषि मंत्रालय के बीच करार हुआ था. तब सरकार की ओर से सीएसए विवि को चिन्हित करते हुए जापान की कंपनियों के प्रतिनिधियों को विवि भेजा गया था. प्रतिनिधियों ने विवि के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया था और जरूरी डाटा भी एकत्र किया था. अब एक बार फिर से 20 जनवरी को जापान की कंपनियों के प्रतिनिधि विवि आ रहे हैं और वह कृषि वैज्ञानिकों से बात करेंगे. इसके बाद कंपनियों की ओर से यहां अपना उद्यम स्थापित किया जाएगा. जिसमें शहर के कई उद्योगपति भी हिस्सा लेंगे.

विवि की पांच हेक्टेयर भूमि चिन्हित : सीएसए में निदेशक शोध डाॅ. विजय यादव ने बताया कि इस पूरी कवायद के लिए सीएसए विवि की पांच हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है. जब कंपनियां अपना उद्यम लगाएंगी तो उनके साथ विवि के कृषि वैज्ञानिक मिलकर जरूरी उत्पादों को तैयार कराएंगे. हमारा मकसद होगा कि हम चीन के बाजार को पूरी तरह से खत्म कर दें. पहले चरण में हार्वेस्टर, रोटावेटर, कोरोवेटर, ग्रासकटर, प्रोसेसिंग मशीन, स्प्रिंकलर, ट्रैक्टर के साथ उपयोग किए जाने वाले उपकरण, बैट्री ऑपरेटेड वेहीकल आदि को तैयार किया जाएगा.

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