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नेता जी ने विधायक इरफान सोलंकी को दिया था आशीर्वाद, अपने वालिद की तरह नाम कमाना - कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी

नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन पर सपा विधायक इरफान सोलंकी और विधान परिषद के पूर्व सभापति सुखराम सिंह यादव ने दुख जताया है. दोनों नेताओं ने कहा कि नेता जी उन्हें परिवार का सदस्य मानते थे. वो लोग अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.

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Published : Oct 10, 2022, 12:17 PM IST

कानपुर: साल 2006 में जब मेरे वालिद हाजी मुश्ताक सोलंकी का इंतकाल हुआ तो नेता जी मुलायम सिंह यादव ने मेरे सर पर हाथ रखकर मुझे सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि यहां जो लोगों की भारी संख्या देख रहे हो, ये ऐसे ही यहां नहीं आए. तुम्हारे वालिद ने जो अच्छे काम किए, उसकी वजह से लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने आए हैं. नेता जी ने हमेशा मेरे वालिद और मुझे आगे बढ़ाया. सोमवार को यह बातें कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी ने साझा की हैं. नेताजी की निधन पर उन्होंने गहरा दुख जताया है.

विधायक इरफान सोलंकी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि नेता जी और मेरे वालिद की पहली मुलाकात 1993 में हुई थी. नेता जी ने 1994 में मेरे वालिद को महानगर अध्यक्ष बनाया और फिर 1996 में पहली बार सपा से टिकट दिया था. जब नेता जी घर आते थे तो हमेशा एक संरक्षक की भूमिका में हमारा मार्गदर्शन करते थे. उन्होंने हमेशा मेरे परिवार को अपना परिवार माना है. दो बार जहां मेरे वालिद विधायक रहे तो वहीं नेता जी के आशीर्वाद से मैं खुद 4 बार सपा से विधायक रहा हूं. अभी 2022 के चुनाव में जब मुझे जीत मिली, तब भी नेता जी ने लखनऊ में बुलाकर आशीर्वाद दिया था. वो मुझे हमेशा मेरे नाम से बुलाते थे.

महानगर में स्वरुप परिवार से भी रहीं नजदीकियां: कानपुर में मुलायम सिंह यादव कई लोगों से मुलाकात करते थे. लेकिन सिविल लाइन्स स्थित स्वरुप परिवार से भी उनकी नजदीकियां सालों पुरानी रहीं. शहर के डीएवी कालेज के कार्यक्रमों में नेता जी अक्सर अहम पदों पर आया करते थे. डॉ. वीरेंद्र स्वरुप एजुकेशनल फाउंडेशन की वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. कुमकुम स्वरुप बताती हैं कि नेता जी साल 2002 में उनकी बेटी की शादी में और साल 2006 में उनके बेटे की शादी में भी शामिल हुए थे.

अखिलेश अगर कुछ कहने पर नेता जी उन्हें डांट देते थे: विधान परिषद के पूर्व सभापति सुखराम सिंह यादव ने कहा कि नेता जी को कौन भूल सकता है. आज मैं राजनीति में जहां पर हूं, नेता जी की वजह से हूं. सोमवार को नेता जी के निधन पर उन्होंने शोक जताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान अगर अखिलेश यादव मुझे कुछ कहते थे तो नेता जी उन्हें टोक देते थे. नेता जी ने मुझे हमेशा एक परिवार का सदस्य माना है. अब हम सैफई जाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देंगे.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन, गृह मंत्री अमित शाह और अखिलेश यादव पहुंचे मेदांता अस्पताल

कानपुर: साल 2006 में जब मेरे वालिद हाजी मुश्ताक सोलंकी का इंतकाल हुआ तो नेता जी मुलायम सिंह यादव ने मेरे सर पर हाथ रखकर मुझे सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि यहां जो लोगों की भारी संख्या देख रहे हो, ये ऐसे ही यहां नहीं आए. तुम्हारे वालिद ने जो अच्छे काम किए, उसकी वजह से लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने आए हैं. नेता जी ने हमेशा मेरे वालिद और मुझे आगे बढ़ाया. सोमवार को यह बातें कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी ने साझा की हैं. नेताजी की निधन पर उन्होंने गहरा दुख जताया है.

विधायक इरफान सोलंकी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि नेता जी और मेरे वालिद की पहली मुलाकात 1993 में हुई थी. नेता जी ने 1994 में मेरे वालिद को महानगर अध्यक्ष बनाया और फिर 1996 में पहली बार सपा से टिकट दिया था. जब नेता जी घर आते थे तो हमेशा एक संरक्षक की भूमिका में हमारा मार्गदर्शन करते थे. उन्होंने हमेशा मेरे परिवार को अपना परिवार माना है. दो बार जहां मेरे वालिद विधायक रहे तो वहीं नेता जी के आशीर्वाद से मैं खुद 4 बार सपा से विधायक रहा हूं. अभी 2022 के चुनाव में जब मुझे जीत मिली, तब भी नेता जी ने लखनऊ में बुलाकर आशीर्वाद दिया था. वो मुझे हमेशा मेरे नाम से बुलाते थे.

महानगर में स्वरुप परिवार से भी रहीं नजदीकियां: कानपुर में मुलायम सिंह यादव कई लोगों से मुलाकात करते थे. लेकिन सिविल लाइन्स स्थित स्वरुप परिवार से भी उनकी नजदीकियां सालों पुरानी रहीं. शहर के डीएवी कालेज के कार्यक्रमों में नेता जी अक्सर अहम पदों पर आया करते थे. डॉ. वीरेंद्र स्वरुप एजुकेशनल फाउंडेशन की वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. कुमकुम स्वरुप बताती हैं कि नेता जी साल 2002 में उनकी बेटी की शादी में और साल 2006 में उनके बेटे की शादी में भी शामिल हुए थे.

अखिलेश अगर कुछ कहने पर नेता जी उन्हें डांट देते थे: विधान परिषद के पूर्व सभापति सुखराम सिंह यादव ने कहा कि नेता जी को कौन भूल सकता है. आज मैं राजनीति में जहां पर हूं, नेता जी की वजह से हूं. सोमवार को नेता जी के निधन पर उन्होंने शोक जताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान अगर अखिलेश यादव मुझे कुछ कहते थे तो नेता जी उन्हें टोक देते थे. नेता जी ने मुझे हमेशा एक परिवार का सदस्य माना है. अब हम सैफई जाकर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देंगे.

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