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कानपुर सिख विरोधी नरसंहार की जांच कर रही एसआईटी का कार्यकाल खत्म, 41 आरोपी अरेस्ट

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Published : Nov 30, 2022, 1:44 PM IST

कानपुर सिख विरोधी नरसंहार की जांच कर रही एसआईटी का कार्यकाल आज खत्म हो गया. लेकिन, शासन में एसआईटी का कार्यकाल एक माह आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है.

एसआईटी
एसआईटी

कानपुर: सिख विरोधी नरसंहार की जांच को लेकर गठित स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का कार्यकाल बुधवार से खत्म हो गया. 1984 सिख दंगा मामलों में एसआईटी टीम ने कुल 41 आरोपियों को जहां गिरफ्तार किया, वहीं नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. हालांकि, अभी इस मामले में 10 आरोपियों को और गिरफ्तार किया जाना है. लेकिन, शासन में बुधवार को ही इस मामले की फाइल पहुंच गई. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम मामले की गंभीरता को देखते हुए करीब एक माह कार्यकाल को बढ़ा सकते हैं. बुधवार देर शाम तक इस मामले पर सीएम योगी की ओर से फैसला आने की उम्मीद है.

एसआइटी टीम के सदस्यों ने बताया कि 1984 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सिखों के विरुद्ध नरसंहार शुरू हो गया था. उसी क्रम में शहर के अंदर 127 सिखों की मौत हुई थी. इसके बाद विभिन्न थानों में हत्या, लूट और डकैती जैसी गंभीर धाराओं में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे. पुलिस ने 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. वहीं, 27 मई 2019 को इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया था.

यह भी पढ़ें: लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स का चेहरा ही बनेगा उनका बोर्डिंग पास

डीआईजी एसआईटी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि बुधवार से कार्यकाल खत्म जरूर हो गया. लेकिन, अभी इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना है. यह जानकारी शासन में दे चुके हैं. अगर कार्यकाल को एक माह के लिए बढ़ाया जाता है तो तय समय में सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लेंगे.

कानपुर: सिख विरोधी नरसंहार की जांच को लेकर गठित स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का कार्यकाल बुधवार से खत्म हो गया. 1984 सिख दंगा मामलों में एसआईटी टीम ने कुल 41 आरोपियों को जहां गिरफ्तार किया, वहीं नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. हालांकि, अभी इस मामले में 10 आरोपियों को और गिरफ्तार किया जाना है. लेकिन, शासन में बुधवार को ही इस मामले की फाइल पहुंच गई. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम मामले की गंभीरता को देखते हुए करीब एक माह कार्यकाल को बढ़ा सकते हैं. बुधवार देर शाम तक इस मामले पर सीएम योगी की ओर से फैसला आने की उम्मीद है.

एसआइटी टीम के सदस्यों ने बताया कि 1984 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सिखों के विरुद्ध नरसंहार शुरू हो गया था. उसी क्रम में शहर के अंदर 127 सिखों की मौत हुई थी. इसके बाद विभिन्न थानों में हत्या, लूट और डकैती जैसी गंभीर धाराओं में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे. पुलिस ने 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. वहीं, 27 मई 2019 को इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया था.

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डीआईजी एसआईटी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि बुधवार से कार्यकाल खत्म जरूर हो गया. लेकिन, अभी इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना है. यह जानकारी शासन में दे चुके हैं. अगर कार्यकाल को एक माह के लिए बढ़ाया जाता है तो तय समय में सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लेंगे.

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