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संजीत हत्याकांड के सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई

कानपुर के चर्चित संजीत हत्याकांड के सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई. गैंगेस्टर की कार्रवाई पर रिपोर्ट डीआईजी को भेजी थी. यहां से फाइल डीएम को भेजी गई. इस पर डीएम ने मुहर लगा दी.

संजीत हत्याकांड
संजीत हत्याकांड
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Published : Feb 2, 2021, 8:56 PM IST

कानपुर: कानपुर के चर्चित लैब टेक्नीशियन संजीत हत्याकांड में पकड़े गए सभी आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की है. थाने की रिपोर्ट पर पहले डीआईजी और अब डीएम ने मुहर लगा दी है. आरोपी रामजी शुक्ला को गैंग लीडर बनाया गया है. सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं. आरोपियों की हिस्ट्रीशीट पुलिस ने खोल दी है.

23 जून 2020 को हुआ था अपहरण

23 जून 2020 को कानपुर के बर्रा निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हुआ था. इसके बाद 23 जुलाई को पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया था कि उसके साथियों ने ही संजीत की अपहरण के बाद हत्या कर शव को पांडव नदी में फेंक दिया था. मामले में पुलिस ने रामजी शुक्ला, कुलदीप, गोस्वामी, नीलू, ज्ञानेंद्र, प्रीति, चीता और सिम्मी को जेल भेजा था. मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर बर्रा हरमीत सिंह ने कुछ दिन पहले ही सभी के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई पर रिपोर्ट डीआईजी को भेजी थी. यहां से फाइल डीएम को भेजी गई, जिस पर डीएम ने मुहर लगा दी है. एक-दो दिन के अंदर ही सभी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

रामजी शुक्ला को गैंग लीडर क्यों बनाया

पुलिस की जांच के मुताबिक, अपहरण की साजिश करने में रामजी की मुख्य भूमिका थी. उसी के इशारे पर ही पूरे गिरोह ने संजीत की हत्या की थी. संजीत के शव को पांडू नदी में फेंक दिया था. इसी के साथ ही 13 जुलाई को जो फिरौती की रकम मांगी गई थी, उसमें भी रामजी शुक्ला ही आरोपी था, जो फिरौती का बैग लेकर फरार हुआ था. इसलिए पुलिस ने उसे गैंग लीडर बनाया है.

कानपुर: कानपुर के चर्चित लैब टेक्नीशियन संजीत हत्याकांड में पकड़े गए सभी आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई की है. थाने की रिपोर्ट पर पहले डीआईजी और अब डीएम ने मुहर लगा दी है. आरोपी रामजी शुक्ला को गैंग लीडर बनाया गया है. सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं. आरोपियों की हिस्ट्रीशीट पुलिस ने खोल दी है.

23 जून 2020 को हुआ था अपहरण

23 जून 2020 को कानपुर के बर्रा निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हुआ था. इसके बाद 23 जुलाई को पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया था कि उसके साथियों ने ही संजीत की अपहरण के बाद हत्या कर शव को पांडव नदी में फेंक दिया था. मामले में पुलिस ने रामजी शुक्ला, कुलदीप, गोस्वामी, नीलू, ज्ञानेंद्र, प्रीति, चीता और सिम्मी को जेल भेजा था. मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर बर्रा हरमीत सिंह ने कुछ दिन पहले ही सभी के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई पर रिपोर्ट डीआईजी को भेजी थी. यहां से फाइल डीएम को भेजी गई, जिस पर डीएम ने मुहर लगा दी है. एक-दो दिन के अंदर ही सभी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

रामजी शुक्ला को गैंग लीडर क्यों बनाया

पुलिस की जांच के मुताबिक, अपहरण की साजिश करने में रामजी की मुख्य भूमिका थी. उसी के इशारे पर ही पूरे गिरोह ने संजीत की हत्या की थी. संजीत के शव को पांडू नदी में फेंक दिया था. इसी के साथ ही 13 जुलाई को जो फिरौती की रकम मांगी गई थी, उसमें भी रामजी शुक्ला ही आरोपी था, जो फिरौती का बैग लेकर फरार हुआ था. इसलिए पुलिस ने उसे गैंग लीडर बनाया है.

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