कानपुर: जिले में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें एक डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए. वहीं चार पुलिसकर्मी घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद से बदमाशों की धरपकड़ में एक ओर जहां एसटीएफ को लगा दिया गया है तो वहीं 50 थानों की फोर्स तैनात है जो आसपास के इलाकों में कांबिंग कर रही है.
पुलिस की घेराबंदी में थाना चौबेपुर के काशीपुर नवादा गांव में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद दो बदमाशों को मार गिराया जबकि तीन बदमाश पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए मौके से भागने में कामयाब हो गए. मारे गए बदमाशों के पास से पुलिस ने पिस्टल और ऑटोमेटिक राइफल बरामद की है जो पुलिस से लूटा गया था. हालांकि मास्टरमाइंड विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे जिसकी घेराबंदी लगातार जारी है. ईटीवी भारत की टीम ने एनकाउंटर के ग्राउंड जीरो का जायजा लिया. एनकाउंटर में मार गिराए दोनों बदमाशों का नाम अतुल दुबे और उसका रिश्तेदार प्रेम प्रकाश बताया जा रहा है.
गौरतलब है कि कानपुर में देर रात दबिश डालने गई पुलिस पर अपराधियों ने फायरिंग कर दी, जिसमे एक थाना इंचार्ज समेत कई पुलिसकर्मियों की गोली लगने से मौत हो गई. लगभग 12 पुलिस कर्मी घायल हैं. पुलिस कानपूर देहात के शिवली थाने में पड़ने वाले बिकरू गांव में दबीश डालने गई थी. बिकरू हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने शिवली में घुसकर हत्या की थी.