कानपुर: कानपुर के प्रधान डाकघर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां बगैर जांच-पड़ताल किए अंतरराष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और बागपत जेल गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी के डाक टिकट जारी कर दिए गए. हालांकि अब पोस्ट मास्टर मामले की जांच करवाने की बात कह रहे हैं.
कानपुर के प्रधान डाकघर में 'माई स्टांप योजना' के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति 300 रुपये का शुल्क जमा कर अपनी डाक टिकट छपवा सकता है, लेकिन इसके लिए उसे अपना आधार कार्ड लगाना पड़ता है. साथ ही डाक घर मे लगे वेबकैम से फोटो खींचनी पड़ती है, जिसके बाद आपकी फोटो वाले डाक टिकट बनकर आपको मिल जाते हैं, लेकिन माई स्टांप योजना में खामियों के चलते कानपुर डाकघर से अंतरराष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी की फोटो वाली डाक टिकट जारी कर दी गई. इतनी बड़ी चूक पर अब डाकघर के अधिकारी मामले की जांच करवाने की बात कह रहे हैं.
- मुन्ना बजरंगी और छोटा राजन के नाम से टिकट जारी
- कानपुर के प्रधान डाकघर से जारी हुए टिकट
- 'माई स्टांप योजना' के तहत छापे गए स्टांप
- 5 रुपये वाले 12 टिकट छोटा राजन के नाम
- 5 रुपये वाला 12 टिकट मुन्ना बजरंगी के नाम
माफियाओं के डाक टिकट पर बैठाई जांच
प्रधान डाकघर के पोस्ट मास्टर जनरल विनोद कुमार वर्मा ने इस प्रकरण पर जांच बैठा दी है कि इतनी बड़ी चूक कैसे हुई. उनका कहना है कि माई स्टांप योजना के तहत कोई भी व्यक्ति 300 रुपये का शुल्क जमाकर अपनी फोटो वाली डाक टिकट जारी करवा सकता है, इसके लिए उसको खुद पोस्ट आफिस में आकर अपना आधार कार्ड जमा करना होता है. इसके बाद वेबकैम के सामने उसकी फोटो खींची जाती है. उनका यह भी कहना है कि "एक न्यूज पेपर के सवांददाता ने मुन्ना बजरंगी (प्रेम प्रकाश) और छोटा राजन (राजेन्द्र एस) के नाम से फार्म भरा था. उसने इन दोनों की फोटो दी और अपना पहचान पत्र दिया. डाक कर्मी के पूछने पर उन्होंने इनको अपना परिचित बताया, जिससे डाक कर्मी संतुष्ट हो गया और बिना छानबीन किए ही माफियाओं के डाक टिकट छाप दिए."
आखिर कैसे हुई लापरवाही
हालांकि पोस्ट मास्टर ने इतनी बड़ी चूक पर जांच जरूर बैठा दी है, लेकिन इतनी बड़ी चूक की अंतरराष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और जेल गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी की फोटो वाली डाक टिकट कैसे जारी हो गई. यह एक बड़ा सवाल है.