कानपुर : जनपद में 2 दिनों से लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश के कारण सड़कें पानी से लवालब हो गईं हैं, तो वहीं जर्जर मकानों में रहने वालों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी के बाद भी कानपुर नगर निगम के अधिकारियों ने शहर में बनी जर्जर बिल्डिंगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की. हालांकि कुछ दिन पहले नगर निगम जर्जर मकानों को खाली कराने के लिए नोटिस जारी कर चुका है.
एक दिन पहले शहर के बड़ा चौराहा स्थित इंडियन बैंक की बाउंड्री दीवार गिरने की घटना से सबक लेकर कानपुर कमिश्नरेट ने कमान संभाल ली है. गुरुवार को कमिश्नर के आदेश के बाद शहर भर में बनी जर्जर बिल्डिंगों को चिन्हिंत करके उन्हें खाली कराने की मुनादी कराई गई. बारिश के बीच ही पुलिसकर्मी मैदान में उतरे और लाउडस्पीकर पर जर्जर बिल्डिंगों को खाली करने की चेतावनी दी.
पुलिस कमिश्नर बी.पी. जोगदंड ने भारी बरसात को लेकर लोगों को अलर्ट किया है. कमिश्नर ने सभी थानों को निर्देश दिया है कि उनके क्षेत्रों में यदि कोई जर्जर भवन है, तो भवन पर नोटिस चस्पा किया जाए. साथ ही जर्जर भवनों में रह रहे लोगों से संवाद करके उन्हें कहीं सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए.
गौरतलब है कि बुधवार को कानपुर शहर के थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित इलाहाबाद बैंक की जर्जर दीवार गिर गई थी. दीवार में दबकर 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बाद में इलाज के दौरान हादसे में घायल एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. घटना के संबंध में जब कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे से बात की गई तो मेयर ने कहा था कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है. मेयर ने कहा कि अगर दीवार पहले से जर्जर थी, तो बैंक वालों को सूचना देनी चाहिए थी. घटना संज्ञान में आने के बाद उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी.
इस घटना से कुछ दिन पूर्व शहर के घंटाघर इलाके में एक तीन मंजिला इमारत ढह गई थी, जिसमें 1 दिव्यांग की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद नगर निगम ने कई जर्जर इमारतों की लिस्ट बनाकर नोटिस जारी किया था. अगर आंकड़ों की मानें, तो कानपुर नगर निगम ने शहर के लगभग 400 भवनों को जर्जर घोषित किया है. इन सभी को निगम की तरफ से नोटिस दिया जा चुका है.
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