ETV Bharat / state

कुशाग्र की हत्या के बाद दादा बोले- वह घर में सबसे ज्यादा पूजा-पाठ करता था, कहता था इंजीनियर बनूंगा

कानपुर में कारोबारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या (Kanpur Kushagra murder) कर दी गई. पुलिस घटना की जांच कर रही है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं दादा ने कुशाग्र को लेकर कई अहम जानकारियां साझा की.

Kanpur Kushagra murder
Kanpur Kushagra murder
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 3:36 PM IST

Updated : Oct 31, 2023, 3:53 PM IST

कानपुर : शहर के एक साड़ी कारोबारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. छात्र 10वीं का छात्र था. उसकी लाश ट्यूशन टीचर के साथी के घर से बरामद की गई. घटना के पीछे का कारण ट्यूशन टीचर से अफेयर बताया जा रहा है. हालांकि अभी पुलिस कई एंगल पर मामले की जांच कर रही है. दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. वारदात के बाद मंगलवार को छात्र का शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो दादा फफक कर रो पड़े. उन्होंने पोते को लेकर कई अहम जानकारियां साझा की.

कुशाग्र को कई श्लोक और मंत्र याद थे : पोस्टमार्टम हाउस पर दादा संजय कानोडिया गगगीन दिखे. पोते कुशाग्र को यादकर कभी फफक पड़ते तो कभीं आंखों में आंसू लिए वहां मौजूद लोगों से उसकी अच्छाइयां बताते. मीडिया कर्मियों ने जैसे ही कुशाग्र को लेकर सवाल पूछे वह दहाड़े मारकर रोने लगे. कुछ देर बाद कुछ को संभालते हुए बोले क्या बताएं, अब कुछ बचा नहीं, हत्यारे ने पूरी परिवार की खुशियां उजाड़ दी. कुशाग्र 17 साल का था. वह सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में पढ़ता था. धर्म और अध्यात्म से उसका खासा लगाव था. वह रोज सुबह उठकर पूजा-पाठ करता था. वह जितनी पूजा करता था, उतना घर में कोई नहीं करता था. कई श्लोक और मंत्र उसे याद थे. वह बहुत सीधा था. कुशाग्र का किसी से कोई झगड़ा नहीं था.

कुशाग्र किसी से मतलब नहीं रखता था. स्कूल से सीधे घर आता था. इसके बाद केवल कोचिंग के लिए ही बाहर जाता था. वह शहर के स्वरूप नगर में कोचिंग पढ़ता था. कोचिंग के बाद वह सीधे घर आता था. सोमवार को भी वह अपनी मम्मी से कोचिंग जाने की बात कहकर निकला था. रास्ते में उसे प्रभात मिला. इसके बाद कुशाग्र उसके साथ उसके घर चला गया. कुशाग्र पढ़ने में होशियार था. अक्सर कहता था कि वह इंजीनियर बनेगा. -संजय कानोडिया


मां का दुलारा था कुशाग्र : कुशाग्र के दादा संजय कानोडिया ने बताया कि कुशाग्र के पिता अपने कारोबार के काम से अक्सर बाहर ही रहते थे. मां ही कुशाग्र की देखभाल करती थी. कुशाग्र मां का दुलारा था. वह अपनी हर एक बात मां से साझा करता था. घर पर टीचर आती थीं, उसको लेकर भी कुशाग्र ने कई जानकारियां घर में दे रखी थीं. टीचर हमेशा जरूरतमंद बनकर आती थी, और घर से कभी रुपये तो कभी सामान मांगकर ले जाती थी. अब कुशाग्र हमारे बीच नहीं है. आरोपियों को सख्त सजा मिले, अब बस यही ख्वाहिश है.

यह भी पढ़ें : कानपुर के बिजनेसमैन के बेटे का अपहरण के बाद मर्डर, ट्यूशन टीचर से अफेयर में वारदात, दो गिरफ्तार

Love Triangle में हुई थी कानपुर में कारोबारी के बेटे की हत्या, तीन दिन से हो रही थी प्लानिंग

कानपुर : शहर के एक साड़ी कारोबारी के बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. छात्र 10वीं का छात्र था. उसकी लाश ट्यूशन टीचर के साथी के घर से बरामद की गई. घटना के पीछे का कारण ट्यूशन टीचर से अफेयर बताया जा रहा है. हालांकि अभी पुलिस कई एंगल पर मामले की जांच कर रही है. दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. वारदात के बाद मंगलवार को छात्र का शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो दादा फफक कर रो पड़े. उन्होंने पोते को लेकर कई अहम जानकारियां साझा की.

कुशाग्र को कई श्लोक और मंत्र याद थे : पोस्टमार्टम हाउस पर दादा संजय कानोडिया गगगीन दिखे. पोते कुशाग्र को यादकर कभी फफक पड़ते तो कभीं आंखों में आंसू लिए वहां मौजूद लोगों से उसकी अच्छाइयां बताते. मीडिया कर्मियों ने जैसे ही कुशाग्र को लेकर सवाल पूछे वह दहाड़े मारकर रोने लगे. कुछ देर बाद कुछ को संभालते हुए बोले क्या बताएं, अब कुछ बचा नहीं, हत्यारे ने पूरी परिवार की खुशियां उजाड़ दी. कुशाग्र 17 साल का था. वह सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल में पढ़ता था. धर्म और अध्यात्म से उसका खासा लगाव था. वह रोज सुबह उठकर पूजा-पाठ करता था. वह जितनी पूजा करता था, उतना घर में कोई नहीं करता था. कई श्लोक और मंत्र उसे याद थे. वह बहुत सीधा था. कुशाग्र का किसी से कोई झगड़ा नहीं था.

कुशाग्र किसी से मतलब नहीं रखता था. स्कूल से सीधे घर आता था. इसके बाद केवल कोचिंग के लिए ही बाहर जाता था. वह शहर के स्वरूप नगर में कोचिंग पढ़ता था. कोचिंग के बाद वह सीधे घर आता था. सोमवार को भी वह अपनी मम्मी से कोचिंग जाने की बात कहकर निकला था. रास्ते में उसे प्रभात मिला. इसके बाद कुशाग्र उसके साथ उसके घर चला गया. कुशाग्र पढ़ने में होशियार था. अक्सर कहता था कि वह इंजीनियर बनेगा. -संजय कानोडिया


मां का दुलारा था कुशाग्र : कुशाग्र के दादा संजय कानोडिया ने बताया कि कुशाग्र के पिता अपने कारोबार के काम से अक्सर बाहर ही रहते थे. मां ही कुशाग्र की देखभाल करती थी. कुशाग्र मां का दुलारा था. वह अपनी हर एक बात मां से साझा करता था. घर पर टीचर आती थीं, उसको लेकर भी कुशाग्र ने कई जानकारियां घर में दे रखी थीं. टीचर हमेशा जरूरतमंद बनकर आती थी, और घर से कभी रुपये तो कभी सामान मांगकर ले जाती थी. अब कुशाग्र हमारे बीच नहीं है. आरोपियों को सख्त सजा मिले, अब बस यही ख्वाहिश है.

यह भी पढ़ें : कानपुर के बिजनेसमैन के बेटे का अपहरण के बाद मर्डर, ट्यूशन टीचर से अफेयर में वारदात, दो गिरफ्तार

Love Triangle में हुई थी कानपुर में कारोबारी के बेटे की हत्या, तीन दिन से हो रही थी प्लानिंग

Last Updated : Oct 31, 2023, 3:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.