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कुशाग्र के आईफोन से सामने आया नया मोड़, रचिता से बात करने के नहीं मिले सबूत

कानपुर में साड़ी कारोबारी के बेटे कुशाग्र (Kanpur Kushagra Murder Case) के आईफोन से नया खुलासा हुआ है. उसके आईफोन (Kushagra IPhone) में केवल उसकी और उसके परिजनों की फोटो मिलीं. आईफोन में टीचर से कनेक्शन का कोई सुराग नहीं मिला.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 8:18 PM IST

कानपुर: शहर के साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के बेटे कुशाग्र कानोडिया का अपहरण होने के बाद मर्डर हो गया था. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ओमनगर निवासी प्रभात शुक्ला, उसकी प्रेमिका रचिता वत्स और प्रभात के दोस्त शिवा को अरेस्ट किया था. गिरफ्तारी के समय से ही पुलिस प्रभात की भाषा बोल रही थी और आला अफसरों तक ने यह बात ठोस दावे के साथ कह दी थी कि प्रभात ने कुशाग्र को इसलिए मार दिया. क्योंकि, उसे शक था कि रचिता और कुशाग्र के बीच अफेयर है.

हालांकि, हत्या के दूसरे दिन जब बुधवार को सर्विलांस टीम ने कुशाग्र के आईफोन का लॉक खुलवाया तो पूरी नई कहानी सामने आ गई. सर्विलांस सेल को कुशाग्र के आईफोन में केवल उसके, उसके परिजनों के ही अधिकतर फोटोज और चैट मिली. रचिता से न तो बातचीत का रिकार्ड मिला, न ही किसी तरह की चैट का. अब, सर्विलांस सेल की टीम के सदस्य कह रहे हैं कि कुशाग्र और रचिता के बीच अफेयर जैसा कुछ नहीं था. हालांकि, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसर अभी और अधिक साक्ष्य जुटाने की बात कर रहे हैं.

परिजनों ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए: कुशाग्र के परिजनों ने भी बुधवार को पुलिस के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की. परिजनों ने कहा कि पुलिस ने प्रभात की कहानी सुनने के बाद ये कैसे कह दिया कि उनके बेटे का अफेयर टीचर के साथ था. कहा कि पुलिस ने मामले को लेकर जल्दबाजी दिखाई और गलत बयानबाजी की. अब, आईफोन से भी इस बात की काफी हद तक पुष्टि हो गई है.

केवल मोटी रकम लेने के चक्कर में मार डाला: हत्यारों ने कुशाग्र की हत्या परिजनों से मोटी रकम लेने के चक्कर में की. पुलिस के आला अफसर मान रहे हैं कि इस हत्याकांड को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया. सबसे अधिक मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी प्रभात ही था. जिसे इतना भरोसा था कि उसके कहने भर पर कुशाग्र उसके साथ ओमनगर स्थित उसके घर पर चला जाएगा. वहां रचिता और शिवा भी पहले से मौजूद थे. रचिता ने 10 नवंबर को प्रभात के साथ शहर से बाहर जाने का प्लान भी बना लिया था. रचिता के टिकट की डिटेल पुलिस को उसके फोन से मिली.

कानपुर: शहर के साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के बेटे कुशाग्र कानोडिया का अपहरण होने के बाद मर्डर हो गया था. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ओमनगर निवासी प्रभात शुक्ला, उसकी प्रेमिका रचिता वत्स और प्रभात के दोस्त शिवा को अरेस्ट किया था. गिरफ्तारी के समय से ही पुलिस प्रभात की भाषा बोल रही थी और आला अफसरों तक ने यह बात ठोस दावे के साथ कह दी थी कि प्रभात ने कुशाग्र को इसलिए मार दिया. क्योंकि, उसे शक था कि रचिता और कुशाग्र के बीच अफेयर है.

हालांकि, हत्या के दूसरे दिन जब बुधवार को सर्विलांस टीम ने कुशाग्र के आईफोन का लॉक खुलवाया तो पूरी नई कहानी सामने आ गई. सर्विलांस सेल को कुशाग्र के आईफोन में केवल उसके, उसके परिजनों के ही अधिकतर फोटोज और चैट मिली. रचिता से न तो बातचीत का रिकार्ड मिला, न ही किसी तरह की चैट का. अब, सर्विलांस सेल की टीम के सदस्य कह रहे हैं कि कुशाग्र और रचिता के बीच अफेयर जैसा कुछ नहीं था. हालांकि, कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के आला अफसर अभी और अधिक साक्ष्य जुटाने की बात कर रहे हैं.

परिजनों ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए: कुशाग्र के परिजनों ने भी बुधवार को पुलिस के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की. परिजनों ने कहा कि पुलिस ने प्रभात की कहानी सुनने के बाद ये कैसे कह दिया कि उनके बेटे का अफेयर टीचर के साथ था. कहा कि पुलिस ने मामले को लेकर जल्दबाजी दिखाई और गलत बयानबाजी की. अब, आईफोन से भी इस बात की काफी हद तक पुष्टि हो गई है.

केवल मोटी रकम लेने के चक्कर में मार डाला: हत्यारों ने कुशाग्र की हत्या परिजनों से मोटी रकम लेने के चक्कर में की. पुलिस के आला अफसर मान रहे हैं कि इस हत्याकांड को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया. सबसे अधिक मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी प्रभात ही था. जिसे इतना भरोसा था कि उसके कहने भर पर कुशाग्र उसके साथ ओमनगर स्थित उसके घर पर चला जाएगा. वहां रचिता और शिवा भी पहले से मौजूद थे. रचिता ने 10 नवंबर को प्रभात के साथ शहर से बाहर जाने का प्लान भी बना लिया था. रचिता के टिकट की डिटेल पुलिस को उसके फोन से मिली.

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