कानपुर : साड़ी कारोबारी मनीष कानोडिया के पुत्र कुशाग्र की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. पुलिस ने मामले में आरोपी टीचर, उसके प्रेमी और एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद कुशाग्र का शव रायपुरवा इलाके के आचार्य नगर में भगवती विला अपार्टमेंट में पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई. गेट पर ही मौजूद मां सोनिया बेटे की लाश देख चीख पड़ी. रिश्तेदारों ने बहुत मुश्किल ने उन्हें संभाला. जितनी बार भी उन्होंने बेटे की लाश देखी उतनी बार वह बेहोश हो गईं.
मां की हालत देख रिश्तेदार भी फफक पड़े : मां सोनिया के साथ सूरत से शहर पहुंचे पिता मनीष का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया. माता-पिता का रोना देखकर दिलासा देने वालों की भी आंखें नम हो गईं. लोगों के समझाने के बावजूद सोनिया को यकीन नहीं हो रहा था कि अब उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा. वह बार-बार कह रहीं थीं कि उनका बेटा ट्यूशन गया है. जल्द ही वह लौट आएगा. इतना कहते-कहते ही वह बेहोश हो जाती थीं. इसके कुछ देर बाद जैसे ही होश आता फिर से बेटे का नाम उनकी जुबान पर होता. मां की इस हालत को देखकर रिश्तेदार भी फफक पड़े.
व्यापारियों की पुलिस से हुई झड़प : कुशाग्र का शव रायपुरवा पहुंचा तो मौके पर मौजूद व्यापारियों ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर देरी से पोस्टमार्टम कराने का आरोप लगाकर नाराजगी जताई. व्यापारियों ने कहा कि शहर के बड़े अधिकारी इस मामले का खुलासा करने में लगे थे, वह खुलासा नहीं कर सके तो कम से कम समय से पोस्टमार्टम ही करा देते. व्यापारियों ने कहा, कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बाद मामले से मुंह फेर लिया. किसी के घर का बच्चा नहीं रहा और पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रही. व्यापारी ने यह भी कहा कि अगर काशी चाचा न होते तो पंचनामा भी समय से न हो पाता.
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