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Kanpur Fire Case : हमराज कॉम्प्लेक्स समेत अन्य भवन खतरनाक, गिराना ही आखिरी विकल्प

कानपुर अग्निकांड में तीन भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने भवनों का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है. अब भवनों का फैसला जिला प्रशासन को करना है.

कानपुर अग्निकांड
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Published : Apr 13, 2023, 10:56 AM IST

कानपुर: शहर के बांसमंडी स्थित हमराज कॉम्प्लेक्स, एआर टॉवर, मसूद टॉवर वाले भवन आगजनी में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मौजूदा दिनों में यह भवन खतरनाक श्रेणी में हैं. इन्हें गिराना ही आखिरी विकल्प हो सकता है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कई दिनों तक उक्त भवनों का परीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी. अब, इन भवनों के भविष्य का फैसला जिला प्रशासन के अफसर करेंगे. इन भवनों को गिराने का दावा तभी से किया जा रहा था, जब तीन दिनों से अधिक समय तक भवनों से लगातार धुआं निकला था.

दरअसल, अग्निकांड के बाद डीएम विशाख जी ने भवनों के परीक्षण के लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ प्रो. समित रे चौधरी, केडीए के मुख्य अभियंता, नगर निगम के मुख्य अभियंता सहित अन्य विशेषज्ञों की एक तकनीकी टीम गठित कर दी थी. टीम के सदस्यों ने सभी भवनों के अंदर जाकर दुकानों की हालत देखी. गेट और दीवारें पूरी तरह से जल चुकी थीं. विशेषज्ञों के मुताबिक, दुकानों के अंदर कारोबारी व्यापार नहीं कर सकते. क्योंकि, ऐसी स्थितियां हैं कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है.


1000 से 1200 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान, भवन में पड़ी राख

विशेषज्ञों के मुताबिक, हमराज कॉम्प्लेक्स समेत अन्य भवनों में तापमान 1000 से 1200 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. कई दुकानों का सामान तो राख में तब्दील हो गया. अधिक तापमान के चलते लोहे की सरिया की पकड़ ढीली हो गई. एक तरह से कहें तो अब सभी भवन खंडहर में बदल चुके हैं. विशेषज्ञों ने सभी भवनों में नए बिल्डिंग कोड के मुताबिक जीर्णोंद्धार करने की संस्तुति की है.

डीएम विशाख जी ने कहा कि आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की देख-रेख में जो तकनीकी टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है, वह मिल गई है. नगर निगम और पुलिस को रिपोर्ट दे दी गई है. अब, नगर निगम के अफसर फैसला करेंगे.

यह भी पढ़ें: सावधान! अब ट्रेनों में यात्रियों से ऐसे हो रही लूट, जीआरपी ने तीन को किया गिरफ्तार

कानपुर: शहर के बांसमंडी स्थित हमराज कॉम्प्लेक्स, एआर टॉवर, मसूद टॉवर वाले भवन आगजनी में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. मौजूदा दिनों में यह भवन खतरनाक श्रेणी में हैं. इन्हें गिराना ही आखिरी विकल्प हो सकता है. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कई दिनों तक उक्त भवनों का परीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी. अब, इन भवनों के भविष्य का फैसला जिला प्रशासन के अफसर करेंगे. इन भवनों को गिराने का दावा तभी से किया जा रहा था, जब तीन दिनों से अधिक समय तक भवनों से लगातार धुआं निकला था.

दरअसल, अग्निकांड के बाद डीएम विशाख जी ने भवनों के परीक्षण के लिए आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ प्रो. समित रे चौधरी, केडीए के मुख्य अभियंता, नगर निगम के मुख्य अभियंता सहित अन्य विशेषज्ञों की एक तकनीकी टीम गठित कर दी थी. टीम के सदस्यों ने सभी भवनों के अंदर जाकर दुकानों की हालत देखी. गेट और दीवारें पूरी तरह से जल चुकी थीं. विशेषज्ञों के मुताबिक, दुकानों के अंदर कारोबारी व्यापार नहीं कर सकते. क्योंकि, ऐसी स्थितियां हैं कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है.


1000 से 1200 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान, भवन में पड़ी राख

विशेषज्ञों के मुताबिक, हमराज कॉम्प्लेक्स समेत अन्य भवनों में तापमान 1000 से 1200 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. कई दुकानों का सामान तो राख में तब्दील हो गया. अधिक तापमान के चलते लोहे की सरिया की पकड़ ढीली हो गई. एक तरह से कहें तो अब सभी भवन खंडहर में बदल चुके हैं. विशेषज्ञों ने सभी भवनों में नए बिल्डिंग कोड के मुताबिक जीर्णोंद्धार करने की संस्तुति की है.

डीएम विशाख जी ने कहा कि आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की देख-रेख में जो तकनीकी टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है, वह मिल गई है. नगर निगम और पुलिस को रिपोर्ट दे दी गई है. अब, नगर निगम के अफसर फैसला करेंगे.

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