कानपुर: लीड होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री-होल्ड कराने के लिए अब सूबे के उद्यमी सरकार से आर-पार की जंग के लिए तैयार हो गए हैं. उद्यमियों ने इस समस्या पर सामूहिक तौर से मंथन किया है औ ऐलान किया है कि अगर सरकार के जिम्मेदार न चेते तो सरकार को राजस्व नुकसान के लिए रेडी रहना होगा. उद्यमियों का कहना है, कि सरकार को इस समस्या के लिए सालों से पत्र और ज्ञापन द्वारा जानकारी दी जाती रही, लेकिन सरकार के अफसरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. अब, उद्यमी किसी सूरत में नहीं मानेंगे.
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने कहा, कि हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक और पं.बंगाल में पिछले कई सालों से सरकार ने लीड होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड कर दिया। जबकि यूपी में एेसा नहीं किया गया है. आखिर ऐसा क्यों हैं? यूपी से तो सरकार को हर साल अच्छी खासी राशि राजस्व के तौर पर मिलती है.
उद्यमियों ने बताए फायदे
- लीड होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड कर देने से औद्योगिक इकाईयों का संचालन आसान होगा
- प्रशासनिक दिक्कतें कम हो जाएंगी तो सूबे का तेज गति से औद्योगिक विकास होगा
- देश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में वृद्धि होगी जिससे सरकार का वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा होगा
- नए रोजगार सृजित होंगे, युवाओं को अपने शहरों में नौकरियां मिल सकेंगी
सरकार को उक्त नियम लागू करने के बाद जो फीस मिलेगी, उससे नए औद्योगिक क्षेत्र बस सकेंगे
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