कानपुर: गर्मी का मौसम शुरू होते ही फलों का राजा आम सभी को आकर्षित करता है. वहीं मानसून के आते ही हरियाली भरे पौधों में काले व लाल जामुन भी अपने स्वाद से सभी को आकर्षित करते हैं. कानपुर के बिठूर में तैयार जामुन का स्वाद अब खाड़ी खाड़ी देशों के लोग भी चख सकेंगे. कानपुर जिला प्रशासन की ओर से इस दिशा में अनूठी कवायद की जा रही है.
दरअसल पिछले साल कानपुर के बिठूर में किसानों ने जामुन की बंपर फसल उगाई थी. उसका नतीजा यह रहा कि पहले तो इसे दिल्ली भेजा गया. इसके बाद दिल्ली से जामुन खाड़ी देशों तक पहुंच गया था. अब खाड़ी देशों से कानपुर बिठूर के जामुन की जबर्दस्त मांग सामने आई है. ऐसे में विकास भवन व जिला प्रशासन के अफसरों ने शहर के जामुन को ब्रांड बनाने का फैसला लिया है. इससे बिठूर से तैयार जामुन के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही बिठूर के जामुन को यूपी सरकार से जीआई टैग दिलाने की भी योजना बनाई गई है.
एक दिन में 5 हजार कैरेट्स होती हैं तैयार: बिठूर में जामुन की खेती करने वाले किसान अर्जुन ने बताया कि पिछले साल जामुन की एक दिन में 4 से 5 हजार कैरेट्स तैयार हुई थीं. इस एक कैरेट में करीब 28 किलोग्राम जामुन होता है. पहले तो जामुन को गोरखपुर, दिल्ली व अन्य राज्यों में भेजा जाता था. लेकिन अब वहां से हमारे बिठूर का जामुन खाड़ी देशों तक पहुंच गया है. किसान ने बताया कि बिठूर में जामुन की पांच प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें एक गोल जामुन, दूसरा लंबा जामुन, तीसरा फलेंदा जामुन, चौथा खट्ठा जामुन और पांचवा मीठा जामुन शामिल हैं. किसान ने बताया कि इस साल भी जामुन की अच्छी फसल आने की उम्मीद है.
जामुन को खाड़ी देशों में भेजने को लेकर कानपुर जिला उद्यान अधिकारी डॉ. दिग्विजिय भार्गव ने बताया कि बिठूर क्षेत्र के सभी किसानों से संपर्क किया जा रहा है.यहां पिछले साल जामुन की अच्छी पैदावार हुई थी. इस साल किसानों के जामुन को निर्यातकों से बात करके खाड़ी देशों तक पहुंचाएंगे. इससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकता है. सीडीओ सुधीर कुमार ने बताया कि बिठूर के जो किसान जामुन की खेती कर रहे हैं. उनसे संपर्क किया जा रहा है. यहां के किसानों का जामुन खाड़ी देशों में पहुंच गया. अब किसानों के उत्पाद पर यूपी सरकार से जीआई टैग दिलाए जाएंगे, जिससे किसानों को उनके जामुन का अच्छा दाम मिल सके.
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