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फर्जीवाड़े के शिकार निवेशकों ने थाने का किया घेराव, पुलिस पर लगाए आरोप

उत्तर प्रदेश के कानपुर में फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों के खिलाफ निवेशकों ने गोविंदनगर थाने का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया. आरोप है कि पिछले पांच साल में कई कंपनियां 50 हजार निवेशकों से करीब 25 हजार करोड़ रुपये लूट ले गईं. पीड़ित निवेशकों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं.

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कानपुर में निवेशकों से धोखाधड़ी.
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Published : Dec 21, 2020, 2:53 PM IST

कानपुर: शहर के निवेशकों का पैसा लेकर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों के खिलाफ लोगों ने लांमबंद होकर गोविंदनगर थाने में धरना-प्रदर्शन किया. आरोप है कि फर्जीवाड़े की शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश नहीं की. लिहाजा पुलिसिया कार्यशैली से परेशान होकर पीड़ित निवेशकों ने थाने का घेराव कर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाकर आक्रोश व्यक्त किया.

कानपुर में निवेशकों से धोखाधड़ी.

निवेशकों का 25 हजार करोड़ रुपये लूट ले गईं कंपनियां
प्रदर्शन में शामिल सुप्रीम कोर्ट के वकील और 'ईमानदार भारतीय पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय टंडन ने बताया कि देशभर से गरीब निवेशकों का पैसा लेकर भागी कंपनी के खिलाफ वो संघर्ष कर रहे हैं. फर्जीवाड़े में शामिल कंपनियां सहारा, एलकेमिस्ट, स्काइलाइन, प्रिज्म, आनंद निधि, आदर्श कोऑपरेटिव, पीएसीएल और कई ऐसी कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. गोविंदनगर में पिछले 5 साल में ये सभी कंपनियां लगभग 50 हजार निवेशकों से करीब 25 हजार करोड़ रुपये लूट ले गईं.

थानाध्यक्ष की वर्दी उतरवाने की चेतावनी
अजय टंडन का कहना है कि फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत 20 से ज्यादा बार गोविंदनगर थाने में की जा चुकी है, लेकिन पुलिस के अधिकारी कंपनियों से पैसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर नहीं लिखते, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से कहा है कि ललिता कुमारी बनाम यूपी 68/2008 दिनांक 12-11-2013 में संगीन अपराध में पुलिस की करफ से कोई इंक्वायरी की जरूरत नहीं है. इसमें तत्काल मुकदमा लिखा जाएगा. इसी के साथ केंद्र सरकार की एडवाइजरी भी भेजी थी, लेकिन रिश्वतखोर पुलिस विभाग ने पिछले दो साल से एफआईआर नहीं लिखी. यही कारण है कि यहां आकर प्रदर्शन करना पड़ा. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सीओ और थानाध्यक्ष की वर्दी उतरवाकर रहूंगा. वहीं, गोविंदनगर सीओ विकास कुमार पांडेय ने बताया कि सोमवार को सभी पीड़ितों को बुलाकर सभी की बात सुनी जाएगी. बाद में जो भी दोषी कंपनियां हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

कानपुर: शहर के निवेशकों का पैसा लेकर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों के खिलाफ लोगों ने लांमबंद होकर गोविंदनगर थाने में धरना-प्रदर्शन किया. आरोप है कि फर्जीवाड़े की शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश नहीं की. लिहाजा पुलिसिया कार्यशैली से परेशान होकर पीड़ित निवेशकों ने थाने का घेराव कर पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाकर आक्रोश व्यक्त किया.

कानपुर में निवेशकों से धोखाधड़ी.

निवेशकों का 25 हजार करोड़ रुपये लूट ले गईं कंपनियां
प्रदर्शन में शामिल सुप्रीम कोर्ट के वकील और 'ईमानदार भारतीय पार्टी' के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय टंडन ने बताया कि देशभर से गरीब निवेशकों का पैसा लेकर भागी कंपनी के खिलाफ वो संघर्ष कर रहे हैं. फर्जीवाड़े में शामिल कंपनियां सहारा, एलकेमिस्ट, स्काइलाइन, प्रिज्म, आनंद निधि, आदर्श कोऑपरेटिव, पीएसीएल और कई ऐसी कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. गोविंदनगर में पिछले 5 साल में ये सभी कंपनियां लगभग 50 हजार निवेशकों से करीब 25 हजार करोड़ रुपये लूट ले गईं.

थानाध्यक्ष की वर्दी उतरवाने की चेतावनी
अजय टंडन का कहना है कि फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत 20 से ज्यादा बार गोविंदनगर थाने में की जा चुकी है, लेकिन पुलिस के अधिकारी कंपनियों से पैसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर नहीं लिखते, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से कहा है कि ललिता कुमारी बनाम यूपी 68/2008 दिनांक 12-11-2013 में संगीन अपराध में पुलिस की करफ से कोई इंक्वायरी की जरूरत नहीं है. इसमें तत्काल मुकदमा लिखा जाएगा. इसी के साथ केंद्र सरकार की एडवाइजरी भी भेजी थी, लेकिन रिश्वतखोर पुलिस विभाग ने पिछले दो साल से एफआईआर नहीं लिखी. यही कारण है कि यहां आकर प्रदर्शन करना पड़ा. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सीओ और थानाध्यक्ष की वर्दी उतरवाकर रहूंगा. वहीं, गोविंदनगर सीओ विकास कुमार पांडेय ने बताया कि सोमवार को सभी पीड़ितों को बुलाकर सभी की बात सुनी जाएगी. बाद में जो भी दोषी कंपनियां हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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