ETV Bharat / state

एक इंजेक्शन जो हार्ट अटैक होने पर बचा रहा जान, जानें उसकी कीमत और नाम - Kanpur Hindi News

उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के बीच हार्ट अटैक (Heart Attack) और ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के मरीज बढ़ गए हैं. लेकिन, एक इंजेक्शन ऐसा है जो समय पर हार्ट अटैक के रोगी को मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. आइए जानते हैं इस इंजेक्शन की कीमत और खूबियां.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 10, 2023, 2:09 PM IST

कानपुर: कड़ाके की ठंड में हार्ट अटैक (Heart Attack) और ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के रोगी बढ़ गए हैं. कानपुर (Kanpur) में पहली जनवरी से 9 जनवरी तक 125 लोगों की मौत हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हो चुकी है. यह आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कानपुर के हृदय रोग संस्थान (Heart Disease Institute) के आकड़ों के मुताबिक, यहां मरीज बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में आ रहे हैं. हालांकि, एक इंजेक्शन ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो इनकी जान बचा रहा है. समय से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल यह इंजेक्शन देकर डॉक्टर उनकी जान बचा ले रहे हैं.

वजन के हिसाब से तय होती है इंजेक्शन की डोज

एलपीएस हृदय रोग संस्थान (LPS Cardiology Institute) के डायरेक्टर डॉ. विनय कृष्णा का कहना है कि इस इंजेक्शन से 9 दिन में हार्ट अटैक के 136 मरीजों की जान बच चुकी है. हार्ट अटैक के बाद 6 घंटे बेहद संवेदनशील होते हैं. ऐसे में टेनेक्टेप्लास (Tenecteplase) इंजेक्शन के जरिए हार्ट पेशेंट के ब्लॉकेज को तत्काल खत्म कर दिया जाता है. इससे पेशेंट की जान बचाने में काफी मदद मिल जाती है. इंजेक्शन की डोज पेशेंट के वजन के मुताबिक दी जाती है.

इंजेक्शन की कितनी है कीमत

डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि एक इंजेक्शन 24 हजार रुपये का आता है. लेकिन, इसे पेशेंट के लिए बिल्कुल फ्री कर दिया गया है, जबकि मार्केट में इस इंजेक्शन की कीमत 32 से 50 हजार रुपये तक है. डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि हार्ट अटैक के 6 घंटे के अंदर इसे दिया जाना बेहद अहम है. अगर 6 घंटे गुजर जाते हैं तो इंजेक्शन काम नहीं करता है.

एलपीएस हृदय रोग संस्थान के कार्डियोलॉजी प्रबंधक ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार 54 रोगियों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है. मरने वालों में सबसे ज्यादा 28 लोग 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वाले हैं. हार्ट अटैक से 12 मौतें 51 से 60 वर्ष आयु वर्ग वालों की हैं. इसके अलावा जनवरी में अब तक कार्डियोलॉजी में 70 रोगी ब्रेन डेड लाए गए.

ठंड में सतर्क रहें ब्लड प्रेशर और शुगर के रोगी

डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि ब्रेन डेड रोगियों का पर्चा नहीं बनता है. इससे उनकी आयु समेत कोई ब्योरा दर्ज नहीं होता है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड बढ़ रही है. ब्लड प्रेशर के रोगी एहतियात बरतें. शीतलहर के चलते 9 दिन में शहर और आसपास के जिलों के 125 हृदय रोगी हार्टअटैक से दम तोड़ चुके हैं. 1 से 9 जनवरी के बीच हृदय रोगी संस्थान की ओपीडी और इमरजेंसी में कुल 6 हजार से अधिक पेशेंट समस्या लेकर आए. सोमवार को इलाज के दौरान 3 मरीजों की मौत हो गई, जबकि 14 मरीजों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही सांसे थम चुकी थीं. आम दिनों में अगर नसों में 30% ब्लॉकेज है तो ठंड में यह ब्लॉकेज 60% और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो जाता है. इसके साथ ही जो डायबिटीज गुर्दा लीवर के पुराने रोगी हैं उनके लिए खतरा अधिक है.

यह भी पढ़ेंः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार, 48 घंटे नहीं मिलेगी ठंड से राहत

कानपुर: कड़ाके की ठंड में हार्ट अटैक (Heart Attack) और ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) के रोगी बढ़ गए हैं. कानपुर (Kanpur) में पहली जनवरी से 9 जनवरी तक 125 लोगों की मौत हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से हो चुकी है. यह आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कानपुर के हृदय रोग संस्थान (Heart Disease Institute) के आकड़ों के मुताबिक, यहां मरीज बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में आ रहे हैं. हालांकि, एक इंजेक्शन ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो इनकी जान बचा रहा है. समय से अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को तत्काल यह इंजेक्शन देकर डॉक्टर उनकी जान बचा ले रहे हैं.

वजन के हिसाब से तय होती है इंजेक्शन की डोज

एलपीएस हृदय रोग संस्थान (LPS Cardiology Institute) के डायरेक्टर डॉ. विनय कृष्णा का कहना है कि इस इंजेक्शन से 9 दिन में हार्ट अटैक के 136 मरीजों की जान बच चुकी है. हार्ट अटैक के बाद 6 घंटे बेहद संवेदनशील होते हैं. ऐसे में टेनेक्टेप्लास (Tenecteplase) इंजेक्शन के जरिए हार्ट पेशेंट के ब्लॉकेज को तत्काल खत्म कर दिया जाता है. इससे पेशेंट की जान बचाने में काफी मदद मिल जाती है. इंजेक्शन की डोज पेशेंट के वजन के मुताबिक दी जाती है.

इंजेक्शन की कितनी है कीमत

डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि एक इंजेक्शन 24 हजार रुपये का आता है. लेकिन, इसे पेशेंट के लिए बिल्कुल फ्री कर दिया गया है, जबकि मार्केट में इस इंजेक्शन की कीमत 32 से 50 हजार रुपये तक है. डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि हार्ट अटैक के 6 घंटे के अंदर इसे दिया जाना बेहद अहम है. अगर 6 घंटे गुजर जाते हैं तो इंजेक्शन काम नहीं करता है.

एलपीएस हृदय रोग संस्थान के कार्डियोलॉजी प्रबंधक ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार 54 रोगियों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है. मरने वालों में सबसे ज्यादा 28 लोग 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वाले हैं. हार्ट अटैक से 12 मौतें 51 से 60 वर्ष आयु वर्ग वालों की हैं. इसके अलावा जनवरी में अब तक कार्डियोलॉजी में 70 रोगी ब्रेन डेड लाए गए.

ठंड में सतर्क रहें ब्लड प्रेशर और शुगर के रोगी

डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि ब्रेन डेड रोगियों का पर्चा नहीं बनता है. इससे उनकी आयु समेत कोई ब्योरा दर्ज नहीं होता है. डॉक्टरों का कहना है कि ठंड बढ़ रही है. ब्लड प्रेशर के रोगी एहतियात बरतें. शीतलहर के चलते 9 दिन में शहर और आसपास के जिलों के 125 हृदय रोगी हार्टअटैक से दम तोड़ चुके हैं. 1 से 9 जनवरी के बीच हृदय रोगी संस्थान की ओपीडी और इमरजेंसी में कुल 6 हजार से अधिक पेशेंट समस्या लेकर आए. सोमवार को इलाज के दौरान 3 मरीजों की मौत हो गई, जबकि 14 मरीजों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही सांसे थम चुकी थीं. आम दिनों में अगर नसों में 30% ब्लॉकेज है तो ठंड में यह ब्लॉकेज 60% और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो जाता है. इसके साथ ही जो डायबिटीज गुर्दा लीवर के पुराने रोगी हैं उनके लिए खतरा अधिक है.

यह भी पढ़ेंः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार, 48 घंटे नहीं मिलेगी ठंड से राहत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.