कानपुर: रेलवे में आधारभूत सुविधाओं की तैयारी कर रहे रेल मंत्रालय मालगाड़ी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना चाहती है. इसके लिए 'डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर' (DFC) का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. रेलवे इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए माल वाहक ट्रेनों को 2800 किलोमीटर पर बिना ब्रेक के तेज गति यानी 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संचालन करना चाहती है. जबकि अभी मालगाड़ियों की रफ्तार महज 50 किलो मीटर/घंटा है.
कानपुर में चल रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण कार्यों का जायजा लेने और विकास कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए बुधवार को मंडलायुक्त राजशेखर पहुंचे. नई दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर रूमा से प्रयागराज तक डीएफसी में 42 रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर पास बनाने का कार्य शुरू हो गया. कानपुर से प्रयागराज का स्ट्रेच जून 2021 तक पूरा करने की कार्ययोजना है. प्रयागराज से मुगलसराय तक का बाकी हिस्सा दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
डीएफसी परियोजना के कार्यों में आ रही बाधाओं को प्रशासन की मदद से जल्द निपटाने के लिए कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. परियोजना के अधिकारियों ने सरसौल रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में आ रही समस्या के बारे में भी बताया. इस पर मंडलायुक्त ने भारतीय रेल सेतु निगम, पीडब्ल्यूडी और एसडीएम नर्वल के साथ चर्चा कर जनता के बीच समन्वय बना कर निस्तारण करने के निर्देश भी दिए. साथ ही समय-समय पर निर्माण की समीक्षा करने की भी बात कही.
उत्तर प्रदेश में दादरी से मुगलसराय (कानपुर और प्रयागराज) के बीच कुल डीएफसी मार्ग की लंबाई लगभग 1500 किलोमीटर है. इससे उत्तर प्रदेश के व्यापार की रफ्तार को पंख लगेंगे. साथ ही औद्योगिक नगरी कानपुर के व्यापार और उद्योग वर्ग को इस मेगा परियोजना से खासा लाभ होगा.