कानपुरः जनपद के बिल्हौर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने तहसील के समस्त न्यायालयों में अनिश्चित काल के लिए कार्य बहिष्कार (work boycott in Bilhaur Tehsil) का ऐलान किया है. अधिवक्ताओं का आरोप है कि क्षेत्र की जनता एसडीएम बिल्हौर और तहसीलदार के मनमाने रवैये से दर-दर भटकने को मजबूर है.अधिवक्ताओं का आरोप है कि वादी कई मुकदमों में तहसील के चक्कर लगा कर थक चुके है. सही निर्णय ना आने के कारण अधिवक्ताओं को वादियों के गुस्सा का भी सामना करना पड़ रहा है.
बिल्हौर बार एसोसिएशन का आरोप है कि तहसील का कार्य उपजिलाधिकारी व तहसीलदार से नहीं संभल रहा है. जब तक अधिकारी आपने काम करने के तरीके में बदलाव नही लाएंगे, तब तक तहसील के समस्त न्ययालयों में कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.
एल्डर्स कमेटी के सदस्य रविनेश सिंह ने कहा कि पत्रावलियों के देखरेख की जिम्मेदारी प्रशासन की है. पत्रावलियों को सुरक्षित न रखे होने की रिपोर्ट लगाकर अधिकारी पैसों की मांग कर रहे हैं. रविनेश सिंह ने कहा कि यूपी आरसी 2006 के तहत कार्य जितने समय मे होना चाहिए, वो नहीं हो रहे हैं. यदि यह सारे कार्य समय से होने लगे तो हम लोग हड़ताल नही करेंगे. यह लड़ाई अधिकारियों से कोई व्यक्तिगत नहीं है. इससे पहले भी कई बार तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें की गई हैं. लेकिन, तहसील प्रशासनिक अधिकारियों के जिले में बैठे उच्च अधिकारियों से अच्छी पकड़ के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने बताया कि हाल ही में बिल्हौर तहसील के आकिन ग्राम पंचायत के सरैंया दस्तंम खा गांव में अभिलेखों में सरकारी दर्ज भूमि पर दबंगों ने भवन निर्माण कर लिया. इसके बाद से पीड़ित पक्ष न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काटता रह गया. इससे तहसील-प्रशासनिक अधिकारियों की कार्य शैली पर कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. यह कोई एक मामला नहीं है. ऐसे कई मामले है जिसमे अधिकारियों से साठ-गांठ कर दबंगो ने अवैध कब्जे कर लिए है और पीड़ित न्याय के लिए आये दिन तहसील के चक्कर लगा रहे है. तहसील से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी गायब है जिसके चलते कई आदेश अधर में लटके हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः मैग्सेसे पुरस्कार विजेता डॉ. संदीप पांडेय पुलिस हिरासत में, किसान यात्रा में होने जा रहे थे शामिल