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चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण में IIT कानपुर का खास योगदान

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने सोमवार की दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
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Published : Jul 22, 2019, 7:34 PM IST

कानपुर: भारत को अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल हुई है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया. आईआईटी कानपुर में चन्द्रयान-2 के लॉन्च होने से खुशी का माहौल है. वहीं इसको तैयार करने वाले प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लानिंग सिस्टम पर काम किया है.

प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
  • आईआईटी कानपुर में इस चंद्रयान का मोशन प्लानिंग सिस्टम और कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डेवेलप किया गया है.
  • आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर दो साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है, जिसमें लगभग 50 लाख रुपए की लागत आई है.

इस मॉडल में तीन अहम मॉड्यूल है. ऑर्बिटल लैंडर और रोवर आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लानिंग सिस्टम पर काम किया है. चंद्रयान-2 के चांद पर उतरते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा यान के संचालन में ज्यादा खर्च न हो, इसके लिए भी आईआईटी कानपुर द्वारा काम किया गया है.
-प्रोफेसर आशीष दत्ता, आईआईटी, मेकैनिकल डिपार्टमेंट

कानपुर: भारत को अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल हुई है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया. आईआईटी कानपुर में चन्द्रयान-2 के लॉन्च होने से खुशी का माहौल है. वहीं इसको तैयार करने वाले प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लानिंग सिस्टम पर काम किया है.

प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.
  • आईआईटी कानपुर में इस चंद्रयान का मोशन प्लानिंग सिस्टम और कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डेवेलप किया गया है.
  • आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर दो साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है, जिसमें लगभग 50 लाख रुपए की लागत आई है.

इस मॉडल में तीन अहम मॉड्यूल है. ऑर्बिटल लैंडर और रोवर आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लानिंग सिस्टम पर काम किया है. चंद्रयान-2 के चांद पर उतरते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा यान के संचालन में ज्यादा खर्च न हो, इसके लिए भी आईआईटी कानपुर द्वारा काम किया गया है.
-प्रोफेसर आशीष दत्ता, आईआईटी, मेकैनिकल डिपार्टमेंट

Intro:कानपुर :- भारत ने रचा इतिहास , चंदा मामा की महाखोज का हुआ आगाज , चंद्रयान 2 का सफल प्रक्षेपण ।

भारत को अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल हुई है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2.43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में जब 2.43 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ तो पूरे देश की धड़कनें मानो थम-सी गई थीं. क्योंकि लॉन्चिंग के बाद कुछ मिनट काफी अहम होते हैं





Body:इसको लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई है क्योंकि यह पहली बार है कि मानवरहित चंद्रयान भारत की ओर से चंदा की उत्तरी सतह पर लैंड करेगा जो पूरी दुनिया के लिए अभी अछूता है आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित लुनर रोवर 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया जा सका है जिसमें लगभग पचास लाख रुपए की लागत आई है
आईआईटी कानपुर में तैयार यह चंद्रयान कि जो मुख खासियत है वह है मौसम प्लैनिंग यानी चंद्रमा की सतह पर रोवर कैसे कब और कहा जाएगा साथ ही इसमें कम एनर्जी खर्च होने वाला सिस्टम डिवेलप किया गया है



Conclusion:आईआईटी कानपुर में चन्द्रयान के लॉन्च होने से खुशी का माहौल है वही इसको तैयार करने वाले प्रोफेसर आशीष दत्ता ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया की इस मॉडल में तीन अहम मॉड्यूल है ऑर्बिटल लैंडर और रोवर आईआईटी कानपुर ने इसके मोशन प्लैनिंग सिस्टम पर काम किया है चंद्रयान 2 के चांद पर उतरते ही मोशन प्लानिंग का काम शुरू हो जाएगा इसके अलावा यान के संचालन में ज्यादा खर्च ना हो इसके लिए भी आईआईटी कानपुर द्वारा काम किया गया है

बाइट :- आशीष दत्ता , प्रोफेसर ,आईआईटी ,मेकैनिकल डिपार्टमेंट

रजनीश दीक्षित
कानपुर
9451259107
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