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आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने बताया, देश में क्यों आ रहे हैं भूकंप के इतने झटके

पिछले कुछ समय से देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस मुद्दे को लेकर आईआईटी कानपुर में पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक ने अपनी राय रखी है. जावेद एन मलिक के अनुसार हिमालय के करीबी हिस्सों में भूकंप का ज्यादा असर देखने को मिलता है.

कानपुर समाचार.
भूकंप.
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Published : Jul 28, 2020, 5:58 PM IST

कानपुर: देश के कई हिस्सों में बीते दिनों भूकंप के झटके महसूस किए गए. आईआईटी कानपुर में पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक के शोध के अनुसार हिमालय जोन में इंडियन प्लेट और तिब्बती प्लेट आपस में टकराती रहती हैं. इतना ही नहीं इसमें इंडियन प्लेट तिब्बती प्लेटों के नीचे भी आ जाती हैं. इस वजह से भूकंप आने की संभावना ज्यादा बनी रहती है. हिमालय के करीबी हिस्सों में भूकंप का ज्यादा असर देखने को मिलता है. उत्तर प्रदेश में भी झटके महसूस किए जा सकते हैं. आईआईटी के प्रोफेसर की मानें तो यूपी को भूकंप के लिहाज से जोन तीन में रखा गया है.

जानकारी देते प्रोफेसर जावेद एन मलिक.

प्रोफेसर जावेद एन मलिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भूकंप के झटके तभी ज्यादा लगेंगे, जब हिमालय जोन में कंपन होगा. यूपी में ऐसे भूकंप नहीं आ सकता. जब फॉल्टलाइन की बात आती है, हमारे अध्ययनों में इसे एक्टिव फॉल्टलाइन कहा जाता है. एक्टिव फॉल्टलाइन हिमालय कच्छ अंडमान निकोबार एरिया में है. इसके अलावा और भी इलाकों में हमको अध्ययन करना जरूरी है, क्योंकि पूरी प्लेट एक दबाव में है. हिमालय जोन में भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है. ये कम अंतराल में आते हैं. इसलिए दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके आते हैं.

प्रोफेसर मलिक ने बताया कि वैसे तो दिल्ली हिमालय से दूर है, लेकिन हरिद्वार भी पास होने के चलते यहां भूकंप के झटके आते रहते हैं. बड़े भूकंप की संभावना तो कम है. कम तीव्रता के भूकंप उत्तराखंड के पहाड़ी बेल्ट और प्लेट के दबाव के चलते आ सकते हैं.

कानपुर: देश के कई हिस्सों में बीते दिनों भूकंप के झटके महसूस किए गए. आईआईटी कानपुर में पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक के शोध के अनुसार हिमालय जोन में इंडियन प्लेट और तिब्बती प्लेट आपस में टकराती रहती हैं. इतना ही नहीं इसमें इंडियन प्लेट तिब्बती प्लेटों के नीचे भी आ जाती हैं. इस वजह से भूकंप आने की संभावना ज्यादा बनी रहती है. हिमालय के करीबी हिस्सों में भूकंप का ज्यादा असर देखने को मिलता है. उत्तर प्रदेश में भी झटके महसूस किए जा सकते हैं. आईआईटी के प्रोफेसर की मानें तो यूपी को भूकंप के लिहाज से जोन तीन में रखा गया है.

जानकारी देते प्रोफेसर जावेद एन मलिक.

प्रोफेसर जावेद एन मलिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भूकंप के झटके तभी ज्यादा लगेंगे, जब हिमालय जोन में कंपन होगा. यूपी में ऐसे भूकंप नहीं आ सकता. जब फॉल्टलाइन की बात आती है, हमारे अध्ययनों में इसे एक्टिव फॉल्टलाइन कहा जाता है. एक्टिव फॉल्टलाइन हिमालय कच्छ अंडमान निकोबार एरिया में है. इसके अलावा और भी इलाकों में हमको अध्ययन करना जरूरी है, क्योंकि पूरी प्लेट एक दबाव में है. हिमालय जोन में भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है. ये कम अंतराल में आते हैं. इसलिए दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके आते हैं.

प्रोफेसर मलिक ने बताया कि वैसे तो दिल्ली हिमालय से दूर है, लेकिन हरिद्वार भी पास होने के चलते यहां भूकंप के झटके आते रहते हैं. बड़े भूकंप की संभावना तो कम है. कम तीव्रता के भूकंप उत्तराखंड के पहाड़ी बेल्ट और प्लेट के दबाव के चलते आ सकते हैं.

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