कानपुर: पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह (Human trafficking gang) के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. ये गिरोह लड़कियों को भीड़-भाड़ वाले जगहों से अगवा कर उन्हें 50-60 हजार रुपये में बेच देता था. गिरोह में एक महिला भी शामिल थी. पुलिस उपायुक्त रविंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. अगवा की गई लड़कियों का पता लगाया जा रहा है.
पुलिस उपायुक्त रविंद्र कुमार ने शनिवार को बताया कि थाना रायपुरवा में बीते साल नवंबर में एक वादी ने तहरीर दी थी. जिसमें उसने बताया था कि एक युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर ले गया है. तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच के लिए टीमें गठित की थी. जांच के दौरान पुलिस के सामने कुछ तथ्य आए थे, जिसके आधार पर पुलिस ने गुम नाबालिग बच्ची का लोकेशन बदायूं में पाया. पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से बच्ची को बरामद कर लिया है. वहीं, बच्चियों को अगवा कर बेचने वाले इस गिरोह की एक महिला सहित 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस टीम की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह सभी रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व भीड़भाड़ वाली जगहों पर रेकी करते थे. इस दौरान उन्हें जो भी बच्चियां अकेली दिखती या रास्ता भूल जाती, ये उन्हें अपनी जाल में फंसा लेते थे. इनके साथ महिला भी होती थी इसलिए कोई भी लड़की इन्हें देखती तो इनको एक फैमली समझती और इनके जाल में फंस जाती. लड़कियों को अगवा करके बिहार, शाहजहांपुर और अन्य जनपदों में 50-60 हजार रुपये में बेच देते थे. उन्होंने अब तक 6 से अधिक लड़कियों को बहला-फुसलाकर कर बेच चुके हैं.
पुलिस उपायुक्त रविंद्र कुमार के अनुसार गैंग का मुख्य लीडर का नाम इकबाल है. जो लोगों को अपना नाम राजू बताता था. ये लोग बच्चियों को अगवा कर कुछ पैसों के लिए दूसरे आदमियों को बेच दिया करते थे और वो दूसरा आदमी उन्हें किसी तीसरे को बेच दिया करता था. पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से इस चैन का पर्दाफाश किया है. सर्विलांस टीम की मदद से अन्य जनपदों में भी पुलिस इस तरह की गैंग को पकड़ने का काम कर रही हैं. जल्द ही ऐसे गैंग के अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया जाएगा.
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