कानपुर: शहर में 34 साल पहले तीन कांग्रेसी नेताओं ने एक विमान को हाईजैक किया था. उस समय शहर के चकेरी थाना में मुकदमा भी दर्ज किया गया था. इस मामले के 34 साल बाद बुधवार को एक आरोपी जब कोर्ट पहुंचा तो एक बार फिर यह मामला चर्चा में आ गया. बताया गया कि जब विमान हाईजैक हुआ था, उस समय विमान में केरल के मौजूदा राज्यपाल समेत कई मंत्री और नेता भी सवार थे.
शहर के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि 1990 का दौर था. जनता दल की वीपी सिंह सरकार ने 1990 में मंडल कमीशन के द्वारा जातीय आरक्षण का दांव चला था. इसके विरोध में देशभर में उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. कांग्रेस नेताओं ने भी आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया था.
इसी कड़ी में 14 अगस्त 1990 को दिल्ली से कानपुर होते हुए खजुराहो जा रही एयर इंडिया की बोइंग 737 फ्लाइट को यूथ कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मो.ताहिर, क्राइस्टचर्च कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह व छात्र नेता नव तिवारी ने हाईजैक कर लिया था. आरोप है कि पान मसाले के डिब्बों में बम बताकर फ्लाइट के यात्रियों को डराया व धमकाया गया था.
मुश्किल से एयरपोर्ट पर उतरा था विमान: कई घंटों तक हाईजैक रहने के बाद विमान को बहुत मुश्किल से चकेरी एयरपोर्ट पर उतारा गया था. इसके बाद उक्त तीनों कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, तब जाकर पता लगा था कि विमान में बम नहीं था. तीनों नेताओं का कहना था कि जातीय आरक्षण को लेकर जो कवायद देश में हो रही थी, उसके प्रति सभी का ध्यान आकर्षित हो इसलिए विमान हाईजैक किया था.
आरोपी नव तिवारी को जारी हुआ था वारंट: कुछ दिनों पहले ही जब इस मामले की फाइल एमएम-द्वितीय की अदालत में सामने आई तो अदालत ने नव तिवारी को अदालत में पेश न होने की वजह से वारंट जारी कर दिया था. बुधवार को नव तिवारी कोर्ट पहुंचे तो वारंट को रिकॉल किया गया. इस नए घटनाक्रम के बाद सालों से डंप पड़े मुकदमे में तेजी आ गई. हालांकि, अभी तक इस मामले में आरोप तय नहीं हुए.