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एचबीटीयू को मिल सकती है 12बी की मान्यता, ये होगा फायदा

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Published : Apr 27, 2022, 8:20 PM IST

आने वाले दिनों में हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विवि (एचबीटीयू) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि यूजीसी की ओर से 12बी की मान्यता मिल सकती है.

कानपुर: अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो आने वाले दिनों में हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विवि (एचबीटीयू) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि यूजीसी की ओर से 12बी की मान्यता मिल सकती है. यूजीसी की टीम ने पहली बार विवि में आकर लगातार दो दिनों तक सभी गतिविधियों को देखा, जाना और समझा है. टीम के सदस्यों ने फैकल्टी व छात्रों से सीधा संवाद भी किया है, और विवि से जाते समय विवि के प्रशासनिक अफसरों को मान्यता के लिए ग्रीन सिग्नल भी दे दिया.

अब टीम के सदस्य यूजीसी में अपनी रिपोर्ट सब्मिट कर देंगे और एचबीटीयू को मान्यता के लिए स्वीकृति मिल सकती है. विवि के कुलपति प्रो.शमशेर ने बताया कि वर्ष 2016 में एचबीटीयू को विवि की मान्यता मिली. इसके बाद हर विवि को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक), विवि अनुदान आयोग से कई तरह की मान्यताएं मिलती हैं. ऐसे में पहली बार यूजीसी की टीम ने आकर कैंपस की हर गतिविधि को देखा. कुछ एक कमियों को हटाकर देखें तो ओवरआल टीम के सदस्यों ने सभी गतिविधियों को बेहतर बताया. इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमें 12बी की मान्यता मिल जाएगी.

एचबीटीयू कुलपति प्रो.शमशेर ने बताया कि 12बी की मान्यता मिलने के बाद एचबीटीयू को यूजीसी से फंड्स मिलने लगेंगे, जिनकी मदद से छात्रों की सहूलियतें बढ़ जाएंगी. इन फंड्स का उपयोग शोध कार्यों में, सेमिनार, प्रयोगशालाओं व अन्य गतिविधियों के लिए किया जा सकेगा.

एचबीटीयू के कुलपति ने दी यह जानकारी.

एचबीटीयू कुलसचिव डा.नीरज सिंह ने बताया कि विवि में मौजूदा समय में तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं बीटेक, एमटेक, पीएचडी समेत कई अन्य पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2016 से पहले विवि को एचबीटीआई के नाम से जाना जाता था और संस्थान डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) से संबद्ध था. हालांकि, 2016 में विवि बनने के बाद से लगातार पाठ्यक्रमों की संख्या और छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई.

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कानपुर: अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो आने वाले दिनों में हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विवि (एचबीटीयू) को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि यूजीसी की ओर से 12बी की मान्यता मिल सकती है. यूजीसी की टीम ने पहली बार विवि में आकर लगातार दो दिनों तक सभी गतिविधियों को देखा, जाना और समझा है. टीम के सदस्यों ने फैकल्टी व छात्रों से सीधा संवाद भी किया है, और विवि से जाते समय विवि के प्रशासनिक अफसरों को मान्यता के लिए ग्रीन सिग्नल भी दे दिया.

अब टीम के सदस्य यूजीसी में अपनी रिपोर्ट सब्मिट कर देंगे और एचबीटीयू को मान्यता के लिए स्वीकृति मिल सकती है. विवि के कुलपति प्रो.शमशेर ने बताया कि वर्ष 2016 में एचबीटीयू को विवि की मान्यता मिली. इसके बाद हर विवि को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक), विवि अनुदान आयोग से कई तरह की मान्यताएं मिलती हैं. ऐसे में पहली बार यूजीसी की टीम ने आकर कैंपस की हर गतिविधि को देखा. कुछ एक कमियों को हटाकर देखें तो ओवरआल टीम के सदस्यों ने सभी गतिविधियों को बेहतर बताया. इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि हमें 12बी की मान्यता मिल जाएगी.

एचबीटीयू कुलपति प्रो.शमशेर ने बताया कि 12बी की मान्यता मिलने के बाद एचबीटीयू को यूजीसी से फंड्स मिलने लगेंगे, जिनकी मदद से छात्रों की सहूलियतें बढ़ जाएंगी. इन फंड्स का उपयोग शोध कार्यों में, सेमिनार, प्रयोगशालाओं व अन्य गतिविधियों के लिए किया जा सकेगा.

एचबीटीयू के कुलपति ने दी यह जानकारी.

एचबीटीयू कुलसचिव डा.नीरज सिंह ने बताया कि विवि में मौजूदा समय में तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राएं बीटेक, एमटेक, पीएचडी समेत कई अन्य पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2016 से पहले विवि को एचबीटीआई के नाम से जाना जाता था और संस्थान डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) से संबद्ध था. हालांकि, 2016 में विवि बनने के बाद से लगातार पाठ्यक्रमों की संख्या और छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई.

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