कानपुर: जिले के हैलेट अस्पताल प्रशासन ने ब्लैक फंगस के रोगियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अलग से वार्ड बना दिया है. नेत्र रोग विभाग के वार्ड नंबर नौ को इस वार्ड में तब्दील किया गया है. इलाज करने के लिए नेत्र, न्यूरो, ईएनटी, प्लास्टिक सर्जरी आदि विशेषज्ञताओं के विशेषज्ञों की टीम गठित कर की गई है.
हैलेट अस्पताल अलर्ट
देश भर से कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस होने की भी बात सामने आई है. कानपुर के हैलेट अस्पताल में भी कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं. इस पूरे मामले पर जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य आर बी कमल ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्लैक फंगस को देखते हुए अस्पताल में माइक्रो बायलॉजी की स्पेशल लैब और अलग वार्ड बनाया गया है. साथ ही ब्लैक फंगस के मामलों को देखने के लिए टीएफटी सर्जन,थर्मोलाजी सर्जन,न्यूरो सर्जन के साथ डॉक्टरों का पैनल तैयार किया गया है. यदि किसी को सर्जरी की भी जरूरत होगी तो वो भी की जाएगी. इस तरह का फंगस पहली बार आया है. उस पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है.
ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए मंगाए गये इंजेक्शन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ने बताया कि ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरेसिन-बी के लगभग सौ इंजेक्शन के लिये मेडिकल कॉलेज ने कंपनी को आर्डर दे दिया है.जल्द ही इंजेक्शन आने की उम्मीद है. प्रो.कमल ने बताया कि दवा न होने के कारण रोगियों के इलाज में दिक्कत आ रही है, मेडिकल कॉलेज की तरफ से शासन को भी एक पत्र लिखा गया है.