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सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने नहीं दर्ज किया मुकदमा - लाखों की ठगी का मामला

कानपुर के युवक ने सरकारी नौकरी का लालच देकर बिजनौर के एक युवक से लाखों रुपए ऐंठ लिए. वहीं पीड़ित युवक ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. मगर इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी.
सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी.
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Published : Dec 30, 2020, 5:30 AM IST

कानपुर : सरकारी नौकरी का लालच देकर बिजनौर के एक युवक से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है. जब युवक को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ तो वह बिजनौर से कानपुर पहुंचा और कल्यानपुर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. लेकिन पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर अभी तक मुकदमा तक दर्ज नही किया है.

दरअसल बिजनौर जिले का रहने वाला खिलेंद्र सिंह दिल्ली में रहकर पढ़ाई करता था. इस दौरान उसकी दोस्ती कानपुर के अंकित पाल से हो गई. अंकित भी दिल्ली में पढ़ाई किया करता था. इस बीच अंकित ने सरकारी नौकरी का लालच दिया और खिलेंद्र सिंह से 4 लाख 50 हज़ार रुपए मांगे. खिलेंद्र का बताया कि सरकारी नौकरी के लालच में आकर उसने रुपए अंकित को एक साल पहले ऑनलाइन भेज दिए थे. पैसा लेने के बाद अंकित वहां से भाग गया. जब ठगी का अहसास हुआ तब वह कानपुर आया और पुलिस से गुहार लगाई. पीड़ित ने थाने में तहरीर भी दी है, पर उसकी अभी तक कोई सुनवाई नही हुई और न ही पुलिस ने मामला दर्ज किया. पीड़ित खिलेंद्र के पास ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की कॉपी भी मौजूद है, जिसमें उसके द्वारा पैसों के लेनदेन दर्ज है.

वहीं पीड़ित की जब कोई सुनवाई पुलिस की तरफ से नहीं हुई तो वह मायूस होकर अपने घर वापस लौट गया. अब सवाल उठता है कि जब ठगी के मामले में पुलिस इस तरह से कार्रवाई करेगी तो ठगी करने वालों के हौसले तो बुलंद होंगे ही.

कानपुर : सरकारी नौकरी का लालच देकर बिजनौर के एक युवक से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है. जब युवक को अपने साथ ठगी का अहसास हुआ तो वह बिजनौर से कानपुर पहुंचा और कल्यानपुर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. लेकिन पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर अभी तक मुकदमा तक दर्ज नही किया है.

दरअसल बिजनौर जिले का रहने वाला खिलेंद्र सिंह दिल्ली में रहकर पढ़ाई करता था. इस दौरान उसकी दोस्ती कानपुर के अंकित पाल से हो गई. अंकित भी दिल्ली में पढ़ाई किया करता था. इस बीच अंकित ने सरकारी नौकरी का लालच दिया और खिलेंद्र सिंह से 4 लाख 50 हज़ार रुपए मांगे. खिलेंद्र का बताया कि सरकारी नौकरी के लालच में आकर उसने रुपए अंकित को एक साल पहले ऑनलाइन भेज दिए थे. पैसा लेने के बाद अंकित वहां से भाग गया. जब ठगी का अहसास हुआ तब वह कानपुर आया और पुलिस से गुहार लगाई. पीड़ित ने थाने में तहरीर भी दी है, पर उसकी अभी तक कोई सुनवाई नही हुई और न ही पुलिस ने मामला दर्ज किया. पीड़ित खिलेंद्र के पास ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की कॉपी भी मौजूद है, जिसमें उसके द्वारा पैसों के लेनदेन दर्ज है.

वहीं पीड़ित की जब कोई सुनवाई पुलिस की तरफ से नहीं हुई तो वह मायूस होकर अपने घर वापस लौट गया. अब सवाल उठता है कि जब ठगी के मामले में पुलिस इस तरह से कार्रवाई करेगी तो ठगी करने वालों के हौसले तो बुलंद होंगे ही.

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