कानपुर: जिले में बीते शनिवार को हुए अनुराग द्विवेदी अपहरण कांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने साजिशकर्ता समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इनके पास से अपहरण में इस्तेमाल बोलेरो, लैपटॉप, मोबाइल और फिरौती के 11 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं.
इस अपहरण कांड की पूरी साजिश कॉल सेंटर कर्मचारी ने ही अपरहण की पूरी कहानी रची थी. जिसे बीते शानिवार की शाम गोविंद नगर थाना क्षेत्र के रतन लाल नगर में अंजाम दिया गया था.
जानिए क्या है पूरा मामला
अनुराग द्विवेदी एक प्राइवेट कॉल सेंटर के डायरेक्टर हैं और शनिवार को वह अपने ऑफिस में बैठे हुए थे. इस दौरान बोलेरो सवार अज्ञात लोग ऑफिस में घुसते हैं. बोलेरो सवार डायरेक्टर और उसके कुछ कर्मचारियों को जबरन अपने साथ ले जाते हैं. इन लोगों में कॉल सेंटर का वो कर्मचारी भी शामिल था जिसने इस पूरे अपहरण कांड की साजिश रची थी.
इसके कुछ समय बाद डायरेक्टर के घर वालों से 15 लाख की फिरौती मांगी जाती है. घर वाले 15 लाख रुपये लेकर महाराजपुर पेट्रोल पंप पहुंचते हैं और अपहरणकर्ताओं को 15 लाख रुपये दे देते हैं. इसके बाद इलाहाबाद हाइवे पर कॉल सेंटर डायरेक्टर को उतार दिया जाता है. इसके बाद अनुराग के साथ अगवा किए गए अन्य कर्मचारियों को इसी हाइवे पर 1-1 किलोमीटर के अंतराल पर उतार दिया जाता है, लेकिन अपहरणकर्ता साजिशकर्ता कर्मचारी को नहीं उतारते हैं.
अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद अनुराग द्विवेदी सीधे गोविंद नगर थाने पहुंचते हैं और पूरी घटना की सूचना पुलिस को देते हैं. जिसके बाद हरकत में आयी पुलिस अपहणकर्ताओं की तलाश में जुट जाती है. पुलिस का सीधा शक उस कर्मचारी जाता है, जिसे पुलिस कुछ ही घंटों में पकड़ लेती है और कड़ाई से पूछताछ करती है.
इसके बाद सारा घटनाक्रम सामने आ जाता है, जिसके कुछ ही समय बाद चारों अपरहण कर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाता है. एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार गुए अपराधकर्ताओं ने इजी टारगेट के तहत इस वारदात को अंजाम दिया था. इनका अभी तक कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए अपहरणकर्ताओं ने वारदात को अंजाम देते हुए 15 लाख की फिरौती तो ली थी, लेकिन फरार होने में नाकामयाब रहे. इसमें ऑफिस से उठाए गए लैपटॉप, कुछ मोबाइल और 11 लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं.
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