कानपुर: जिले के थाना चकेरी क्षेत्र के अंतर्गत कानपुर विकास प्राधिकरण की बेशकीमती सरकारी जमीन को भू-माफियाओं ने अवैध कब्जा कर सोसाइटी बना दी है. बता दें कि भू-माफियाओं ने उस सोसाइटी को बेच भी डाला है. सरकारी जमीन की कीमत 700 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इतना ही नहीं इस जमीन पर लोगों ने भवनों का निर्माण कार्य भी कर लिया है.
कमिश्नर से शिकायत में खुली पोल
केडीए की सरकारी जमीन भू-माफिया द्वारा बेचे जाने के मामले में थाना चकेरी में पहली एफआईआर दर्ज हुई है. कानपुर मंडल के कमिश्नर के आदेश पर केडीए के अमीन ने चकेरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. जिसमें विश्वकर्मा सहकारी आवास समिति के सचिव रहे राम लखन वर्मा के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है.
आराजी संख्या में भू-माफियाओं ने किया खेल
दरअसल, पिछले कई दिनों से चकेरी क्षेत्र के सुजानपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा किए जाने की शिकायत कमिश्नर डॉ. राजशेखर के साथ केडीए के उच्च अधिकारियों से की जा रही थी. जिसमें आरोप लगाया गया कि भू-माफियाओं द्वारा सुजानपुर की आराजी संख्या 93 और 63 की सरकारी जमीनों को भू-माफियाओं ने विभाग से साठगांठ कर बेच दिया और करोड़ों के व्यारे न्यारे कर दिए. जबकि वह जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग और कानपुर विकास प्राधिकरण की संपत्ति है.
विभाग की जांच के बाद हुई FIR
मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने सरकारी जमीन के बेचे जाने की जांच कानपुर विकास प्राधिकरण के अमीन प्रदीप कुमार से कराई और उन्हीं की तहरीर पर चकेरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपनी जांच में पहले ही पाया था कि उसकी जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया है.