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संजीत हत्याकांड: सालभर बाद भी परिवार को नहीं मिला न्याय, बहन ने लगाए आरोप

संजीत अपहरण हत्याकांड का एक 1 साल हो गया है. अभी तक संजीत के परिजनों को न्याय नहीं मिला है. संजीत की बहन ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों को आज तक उनके भाई की बॉडी नहीं मिली है. अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला है. मामले में जांच भले ही चल रही है लेकिन उन्हें महज आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.

संजीत हत्याकांड
संजीत हत्याकांड
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Published : Jun 22, 2021, 2:38 PM IST

कानपुर: संजीत अपहरण और हत्याकांड को आज 1 साल हो गया है. एक साल बीतने के बाद भी अभी तक संजीत का शव नहीं मिल पाया है. संजीत की मां और बहन रुचि का कहना है कि उनके भाई के साथ मानव तस्करी की गई है. पूरा परिवार पुलिस-प्रशासन और उसकी कार्यशैली पर उंगलियां उठा रहा है. परिवार का कहना है कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है. इस मामले में अभी भी जांच चल रही है.

क्या था पूरा मामला
जिले के बर्रा थाना क्षेत्र निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का बीते साल 22 जून को अपहरण हो गया था. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने उसके परिजनों से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. फिरौती देने के बाद भी हत्यारों ने संजीत को नहीं छोड़ा था. इस मामले में 23 जुलाई 2020 को एसएसपी दिनेश कुमार पी ने वीडियो जारी कर खुलासा करते हुए बताया था कि अपहरणकर्ताओं ने 26 से 27 जून के बीच में संजीत यादव का मर्डर किया है. इसकी आशंका पहले से जताई जा रही थी. एसएसपी ने बताया कि कई टीमें गठित की गईं थी. 29 जून को फिरौती की मांग की गई थी. मृतक के दो दोस्तों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक 26 से 27 जून के बीच ही मर्डर किया गया था और शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया था. मामले में कार्रवाई करते हुए संजीत अपहरण हत्याकांड मामले में कुल 8 लोगों को निलंबित किया गया था.

संजीत हत्याकांड में परिजनों को अब तक नहीं मिला न्याय.

कौन-कौन हुआ था निलंबित
इस पूरे मामले में एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता, बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय,दरोगा राजेश कुमार, दरोगा योगेंद्र प्रताप के अलावा कई सिपाही को निलंबित कर दिया गया था.

संजीत हत्याकांड का एक साल.
संजीत हत्याकांड का एक साल.
जानिए कौन हुआ बहाल और किसके ऊपर बैठी जांच
इस पूरे मामले में अब एसपी अपर्णा गुप्ता को बहाल कर दिया गया और मुरादाबाद जीआरपी में तैनाती दे दी गई है. जबकि सीओ मनोज कुमार गुप्ता के खिलाफ संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ के दफ्तर में जांच चल रही है. वहीं इंस्पेक्टर रंजीत राय, दारोगा और सिपाहियों की प्रारंभिक जांच कर रहे एसपी पूर्वी ने सभी को दोषी ठहराया है.
परिवार को नहीं मिला न्याय.
परिवार को नहीं मिला न्याय.

इसे भी पढ़ें- कानपुर: अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत की हत्या, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड


आज यानी मंगलवार को ईटीवी भारत के संवाददाता ने की पीड़ित परिजनों से मुलाकात

ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब संजीत के परिवारीजनों से मुलाकात की तो 1 साल पुराना जख्म ताजा हो गया. पूरा परिवार रोता-बिलखता दिखाई दिया. एक साल बाद भी मां अपने बेटे और बहन भाई की आस में बैठी हुई है. ईटीवी भारत से बातचीत में संजीत की बहन रुचि ने बताया कि उनके भाई के साथ मानव तस्करी की गई है. इस दौरान परिवारीजनों ने पुलिस प्रशासन और उसकी कार्रवाई पर सवाल खड़े किए.पीड़ित परिवार का कहना है कि सालभर बाद भी उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है.

कानपुर: संजीत अपहरण और हत्याकांड को आज 1 साल हो गया है. एक साल बीतने के बाद भी अभी तक संजीत का शव नहीं मिल पाया है. संजीत की मां और बहन रुचि का कहना है कि उनके भाई के साथ मानव तस्करी की गई है. पूरा परिवार पुलिस-प्रशासन और उसकी कार्यशैली पर उंगलियां उठा रहा है. परिवार का कहना है कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है. इस मामले में अभी भी जांच चल रही है.

क्या था पूरा मामला
जिले के बर्रा थाना क्षेत्र निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का बीते साल 22 जून को अपहरण हो गया था. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने उसके परिजनों से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. फिरौती देने के बाद भी हत्यारों ने संजीत को नहीं छोड़ा था. इस मामले में 23 जुलाई 2020 को एसएसपी दिनेश कुमार पी ने वीडियो जारी कर खुलासा करते हुए बताया था कि अपहरणकर्ताओं ने 26 से 27 जून के बीच में संजीत यादव का मर्डर किया है. इसकी आशंका पहले से जताई जा रही थी. एसएसपी ने बताया कि कई टीमें गठित की गईं थी. 29 जून को फिरौती की मांग की गई थी. मृतक के दो दोस्तों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक 26 से 27 जून के बीच ही मर्डर किया गया था और शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया था. मामले में कार्रवाई करते हुए संजीत अपहरण हत्याकांड मामले में कुल 8 लोगों को निलंबित किया गया था.

संजीत हत्याकांड में परिजनों को अब तक नहीं मिला न्याय.

कौन-कौन हुआ था निलंबित
इस पूरे मामले में एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज कुमार गुप्ता, बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय,दरोगा राजेश कुमार, दरोगा योगेंद्र प्रताप के अलावा कई सिपाही को निलंबित कर दिया गया था.

संजीत हत्याकांड का एक साल.
संजीत हत्याकांड का एक साल.
जानिए कौन हुआ बहाल और किसके ऊपर बैठी जांच
इस पूरे मामले में अब एसपी अपर्णा गुप्ता को बहाल कर दिया गया और मुरादाबाद जीआरपी में तैनाती दे दी गई है. जबकि सीओ मनोज कुमार गुप्ता के खिलाफ संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय लखनऊ के दफ्तर में जांच चल रही है. वहीं इंस्पेक्टर रंजीत राय, दारोगा और सिपाहियों की प्रारंभिक जांच कर रहे एसपी पूर्वी ने सभी को दोषी ठहराया है.
परिवार को नहीं मिला न्याय.
परिवार को नहीं मिला न्याय.

इसे भी पढ़ें- कानपुर: अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत की हत्या, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड


आज यानी मंगलवार को ईटीवी भारत के संवाददाता ने की पीड़ित परिजनों से मुलाकात

ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब संजीत के परिवारीजनों से मुलाकात की तो 1 साल पुराना जख्म ताजा हो गया. पूरा परिवार रोता-बिलखता दिखाई दिया. एक साल बाद भी मां अपने बेटे और बहन भाई की आस में बैठी हुई है. ईटीवी भारत से बातचीत में संजीत की बहन रुचि ने बताया कि उनके भाई के साथ मानव तस्करी की गई है. इस दौरान परिवारीजनों ने पुलिस प्रशासन और उसकी कार्रवाई पर सवाल खड़े किए.पीड़ित परिवार का कहना है कि सालभर बाद भी उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है.

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