कानपुर: शहर के अशोक नगर निवासी जितेंद्र के बेटों की नारामऊ की एक शादी से लौटते वक्त मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने दोनों बेटों का नेत्रदान किया. इनमें से छोटे बेटे की आंख ज्यादा खराब हो जाने की वजह से उसे प्रयोग नहीं किया जा सका, लेकिन उनके बड़े बेटे की दोनों आंखों ने दो लोगों की जिंदगी को रोशन किया है. इनमें से एक आंख उन्नाव की 35 वर्षीय महिला कमला और दूसरी आंख झींझक के 15 वर्षीय प्रमोद कुमार को लगाई गई हैं.
कानपुर के लालालाजपत राय अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में डॉक्टर शालिनी मोहन ने यह सफल ऑपरेशन किया. डॉ. शालिनी मोहन ने बताया कि प्रमोद को जन्मजात ही नहीं दिखाई देता था, जबकि कमला की आंख में पिछले 12 साल पहले कांटा लग जाने की वजह से रोशनी चली गई थी. नेत्रदान और सफल ऑपरेशन के बाद दोनों लोग दुनिया देखने के लिए तैयार हैं.
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