कानपुर: यह कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि यह साल शहर के निर्यातकों के लिए बहुत बेहतर रहने वाला है. इसके पीछे मुख्य वजह है कई देशों की ओर से निर्यातकों को कारोबार का मौका दिया जाना. अभी कुछ दिनों पहले फिलीपिंस व आस्ट्रेलिया ने शहर के निर्यातकों को कारोबार बढ़ाने का जहां मौका दिया था. वहीं, अब बहरीन, ओमान और कतर जैसे गल्फ श्रेणी के देशों ने निर्यातकों के लिए कारोबार के द्वार खोल दिए हैं. निर्याकत भी कारोबार को विस्तार करने को लेकर पूरी तरह से तैयार है.
सुपर सोर्सिंग अरब 2023 कांफ्रेंस में दिखाई रुचि
इस पूरे मामले पर फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के मुख्य सलाहकार वाई एस गर्ग ने बताया कि बहरीन में 8 से 10 जनवरी तक सुपर सोर्सिंग अरब 2023 कांफ्रेंस आयोजित हुई थी. जिसमें 45 भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. उनमें से 10 कंपनियों के प्रतिनिधि शहर से थे. वहां के कारोबारियों ने कानपुर के निर्यातकों से संवाद किया. साथ ही जल्द कारोबार विस्तार करने पर सहमति बन गई.
उन्होंने बताया कि बहरीन, ओमान, कतर, दुबई समेत अन्य गल्फ श्रेणी के जो देश हैं. वह गल्फ कार्पोरेशन काउंसिल (जीसीसी) का हिस्सा भी हैं. ऐसे में जब वहां व्यापार के आंकड़े सामने आए तो कारोबारियों ने जाना कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जीसीसी को भारतीय निर्यात 43.9 बिलियन अमेरिकी डालर का रहा है. जिसमें एक साल के अंदर 44 फीसद की वृद्धि हुई है. अब कारोबारियों ने इस साल के लिए 154 बिलियन अमेरिकी डालर तय करने का लक्ष्य रखा है.
पिछले वित्तीय वर्ष में यूएई को भारतीय निर्यात में वृद्धि: 68 फीसद
पिछले वित्तीय वर्ष में सऊदी अरब को भारतीय निर्यात में वृद्धि: 49 फीसद
पिछले वित्तीय वर्ष में ओमान को भारतीय निर्यात में वृद्धि: 33 फीसद
पिछले वित्तीय वर्ष में कतर को भारतीय निर्यात में वृद्धि: 43 फीसद
पिछले वित्तीय वर्ष में कुवैत को भारतीय निर्यात में वृद्धि: 17 फीसद
मौजूदा वित्तीय वर्ष के अप्रैल-अक्टूबर के दौरान जीसीसी को कुल निर्यात: 29.6 अरब अमेरिकी डालर का
बहरीन में कानपुर से जाने वाले उत्पाद: फ्रेंगरेंस, कृषि उत्पाद, एफएमसीजी उत्पाद, मीट, ह्यूमन हेयर.
ओमान में कानपुर से जाने वाले उत्पाद: मरीन उत्पाद, कृषि उत्पाद, फल व सब्जियां, प्रोसेस्ड फूड.
कतर में शहर से भेजे जाने वाले उत्पाद: नट्स, स्टोन, पेपरबोर्ड, पल्प, ज्वैलरी, रिफाइंड, पेट्रोलियम उत्पाद.
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