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उद्यमियों ने गिनाईं शिकायतें, प्रभारी मंत्री चुपचाप बैठकर सुनते रहे - उद्यमियों ने गिनाईं शिकायतें

कानपुर पहुंचे धर्मपाल सिंह के समक्ष उद्यमियों ने शिकायतों का अंबार लगा दिया. लेकिन पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री कुछ नहीं बोले और सुनते ही रहे.

मंत्री धर्मपाल सिंह
मंत्री धर्मपाल सिंह
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Published : Jun 13, 2022, 11:01 PM IST

कानपुर: जिले के प्रभारी मंत्री का दायित्व मिलने के बाद पहली बार आए पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह उस समय हैरान रह गए, जब उद्यमियों के साथ हुई बैठक में लगभग डेढ़ घंटे तक उन्हें तमाम शिकायतों को सुनना पड़ा. उद्यमियों ने अपनी बात रखने के मिले मौके को बखूबी भुनाया. प्रभारी मंत्री से कहा कि उन्हें फ्री-होल्ड प्लाट की सुविधा नहीं मिलती. नगर निगम से आवासीय दर से लगभग आठ गुना कर का भुगतान करते हैं, जबकि सालों से यह मांग है कि इसे तीन गुना कर दिया जाए. आखिर, प्रभारी मंत्री भी क्या करते, वह चुपचाप बैठकर उद्यमियों की शिकायतें सुनते रहे. यूपीसीडा को लेकर तो उनके सामने उद्यमियों ने शिकायतों का अंबार लगा दिया.

वहीं, जब प्रभारी मंत्री ने स्थानीय अफसरों के साथ समीक्षा बैठक शुरू की, तो हर घर नल योजना की हकीकत देख वह बेहद नाराज हुए. फौरन ही अफसरों को नसीहत दी, कि जो काम करें उसमें लापरवाही न हो. इससे सरकार की छवि धूमिल होती है. पौधारोपण को लेकर प्रभारी मंत्री ने कहा, हर साल जो पौधे सूख जाते हैं उनकी फिक्र करिए. केवल पौधे रोप देने से काम नहीं चलेगा.
इसे भी पढ़ें-यूपी में पांच दिन बाद आ सकता है मानसून, चिलचिलाती धूप से मिलेगी राहत


वहीं, प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शहर में कान्हा उपवन व पराग डेयरी प्लांट का निरीक्षण किया. उन्हें बताया गया कि साल 2013 से पराग डेयरी प्लांट पूरी तरह से बंद था. हालांकि, अब यह जल्द शुरू होगा और इसकी क्षमता प्रतिदिन चार लाख लीटर दूध की है. उन्होंने मौजूद अफसरों से कहा कि देशी गाय का गोबर व दूध खरीदें. इसी तरह गंगा बैराज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए.

कानपुर: जिले के प्रभारी मंत्री का दायित्व मिलने के बाद पहली बार आए पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह उस समय हैरान रह गए, जब उद्यमियों के साथ हुई बैठक में लगभग डेढ़ घंटे तक उन्हें तमाम शिकायतों को सुनना पड़ा. उद्यमियों ने अपनी बात रखने के मिले मौके को बखूबी भुनाया. प्रभारी मंत्री से कहा कि उन्हें फ्री-होल्ड प्लाट की सुविधा नहीं मिलती. नगर निगम से आवासीय दर से लगभग आठ गुना कर का भुगतान करते हैं, जबकि सालों से यह मांग है कि इसे तीन गुना कर दिया जाए. आखिर, प्रभारी मंत्री भी क्या करते, वह चुपचाप बैठकर उद्यमियों की शिकायतें सुनते रहे. यूपीसीडा को लेकर तो उनके सामने उद्यमियों ने शिकायतों का अंबार लगा दिया.

वहीं, जब प्रभारी मंत्री ने स्थानीय अफसरों के साथ समीक्षा बैठक शुरू की, तो हर घर नल योजना की हकीकत देख वह बेहद नाराज हुए. फौरन ही अफसरों को नसीहत दी, कि जो काम करें उसमें लापरवाही न हो. इससे सरकार की छवि धूमिल होती है. पौधारोपण को लेकर प्रभारी मंत्री ने कहा, हर साल जो पौधे सूख जाते हैं उनकी फिक्र करिए. केवल पौधे रोप देने से काम नहीं चलेगा.
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वहीं, प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने शहर में कान्हा उपवन व पराग डेयरी प्लांट का निरीक्षण किया. उन्हें बताया गया कि साल 2013 से पराग डेयरी प्लांट पूरी तरह से बंद था. हालांकि, अब यह जल्द शुरू होगा और इसकी क्षमता प्रतिदिन चार लाख लीटर दूध की है. उन्होंने मौजूद अफसरों से कहा कि देशी गाय का गोबर व दूध खरीदें. इसी तरह गंगा बैराज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए.

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