कानपुर: शहर में सुबह से लेकर दोपहर तक लोग अपने काम निपटा रहे थे. किसी को यह अंदाजा ही नहीं था कि अचानक भूकंप आ सकता है. ऐसे में राहगीर भी सड़क पर फर्राटा भर रहे थे. मगर, दोपहर 2.53 बजे शहर के फजलगंज स्थित एक निजी कार्यालय में लोगों ने एक दूसरे से कहना शुरू किया कि अरे देखो क्या जमीन हिल रही है?
बस, फिर क्या था और पूरे दफ्तर में यह शोर गूंज उठा- नीचे चलो, भूंकप आया है...नीचे भागो.... फिर देखते ही देखते राहगीर भी अपना वाहन लेकर थम गए. कुछ देर के लिए तो लोग वापस कार्यालयों में जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके. शहर के सिविल लाइंस, फजलगंज, कल्याणपुर, किदवई नगर समेत अन्य क्षेत्रों में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए. इसके बाद लोगों ने फोन पर ही अपने परिचितों का हाल जाना. हालांकि, जब उन्हें मालूम हुआ कि भूंकप उप्र के कई शहरों में आया तो लोगों ने राहत की सांस ली. फिर, स्थिति सामान्य होते ही लोग ऊंची इमारतों वाले ऑफिसों में जाकर दोबारा से काम करने लगे.
IIT कानपुर के प्रो.जावेद ने भी ली जानकारी: जैसे ही भूकंप की जानकारी आईआईटी कानपुर में प्रो.जावेद को मिली तो उन्होंने भी इसके केंद्र व तीव्रता संबंधी आंकड़ों को जाना. उन्होंने कहा कि फरवरी 2023 में ही यह दावा कर दिया था कि जल्द ही भूकंप से धरती डोलेगी. मंगलवार को यही देखने को भी मिला. फरवरी 2023 से पहले लखनऊ से लेकर दिल्ली तक में भूकंप के झटके भी महसूस किए गए थे. आईआईटी कानपुर(IIT KANPUR) में अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि अब वह फिर से नया शोध कार्य शुरू करेंगे और जानेंगे कि आखिर मंगलवार को भूकंप की स्थिति क्यों बनी? इसके बाद शोध परिणाम के आधार पर अपनी जानकारी सभी से साझा करेंगे.
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