कानपुर: शहर के सबसे बड़े और चर्चित हैलट अस्पताल की जब बात होती है, तो मरीजों को समय से दवा न मिलना, आए दिन जूनियर डाक्टरों और तीमारदारों के झगड़े समेत अन्य मुद्दों की चर्चा होती है. मगर, अब हैलट की तस्वीर बदलने वाली है. हैलट अस्पताल अब ई-हॉस्पिटल की तरह काम होगा. तीमारदारों को उनके मोबाइल पर ही मरीज की रिपोर्ट उपलब्ध होगी. दवाओं की जानकारी भी चिकित्सक ऑनलाइन दे सकेंगे. यह जानकारी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने दी है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डॉ. संजय काला ने बताया कि देश में सबसे अच्छी एमआरआई की सुविधा हैलट में है. जिन सीटी स्कैन के लिए मरीजों को रुपये देने पड़ते थे, उन सीटी स्कैन मशीनों की संख्या अस्पताल में बढ़ गई है.अब मरीजों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. आगामी छह माह में अस्पताल पूरी तरह से ऑक्सीजन सिलेंडर मुक्त होगा. 10 करोड़ लीटर के तीन ऑक्सीजन प्लांट लग गए हैं और जल्द ही 20 करोड़ लीटर के दो प्लांट लगाए जाएंगे. एक समय था, जब मरीजों को सभी प्रकार की दवाइयां मुहैया नहीं होती थी. मगर अब हैलट में 200 प्रकार की दवाइयां भी मिल जाएंगी.
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छात्रावास की बदहाली करा रहे दूर
जब प्राचार्य डॉ. संजय काला से पूछा गया कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में रहने वाले छात्रों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनकी समस्याएं कब दूर होंगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि छात्रावास के रेनोवेशन का काम शुरू करा दिया गया है.
नए पाठ्यक्रम के तहत पढ़ेंगे मोरल एथिक्स का पाठ
इस सत्र से कालेज में कौन-कौन से नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे? इस सवाल के जवाब में बताया कि इस सत्र से चिकित्सकों के लिए योगा की कक्षाएं तो संचालित होंगी ही, साथ ही उन्हें मॉरल एथिक्स का भी पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा एथिकल वैल्यूज से एमबीबीएस के छात्र जानेंगे, कि कैसे उन्हें मरीजों व तीमारदारों से एक बेहतर संवाद और समन्वय स्थापित करना है.
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