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कानपुर: डॉक्टर की लापरवाही, निकालना था गॉलब्लैडर और निकाल दी बच्चेदानी - गॉलब्लैडर का ऑपरेशन कराने आई महिला का गर्भाशय निकाला

यूपी के कानपुर जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां भर्ती हुई महिला के ऑपरेशन में गॉलब्लैडर निकालने की बजाय बच्चेदानी को ही निकाल दिया गया. पीड़ित परिजनों ने इस मामले में जब अस्पताल प्रशासन से शिकायत की तो अस्पताल प्रशासन मामले को दबाने में जुट गया है.

जिला अस्पताल की लापरवाही.
जिला अस्पताल की लापरवाही.
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Published : Oct 10, 2020, 2:52 PM IST

कानपुर: अस्पतालों में मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले तो अक्सर सामने आते हैं और इलाज में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन डॉक्टर इसके बावजूद सबक नहीं लेते हैं. ताजा मामला कानपुर के जिला महिला अस्पताल का है. यहां इलाज के नाम पर डॉक्टर की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां गॉलब्लैडर के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई महिला नीतू का आरोप है की पेट दर्द होने पर परिजनों के साथ वह उर्सला अस्पताल पहुंची थी. डॉक्टर प्रशांत ने गॉलब्लैडर में पथरी बताकर उसका ऑपरेशन करने को कहा, लेकिन जब डॉक्टर प्रशांत ने आपरेशन किया तो गॉलब्लैडर निकालने की बजाय बच्चेदानी को ही निकाल दिया. जब इस मामले की जानकारी परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को दी तो अस्पताल प्रशासन मामले को दबाने में जुट गया है.

जिला अस्पताल की लापरवाही.
दरअसल, उर्सला जिला हॉस्पिटल में नीतू नाम की महिला गॉलब्लैडर के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई थी. बुधवार को ऑपरेशन होने के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. इसके थोड़ी देर बाद ही महिला को जब दर्द उठा तो डॉक्टर उसे दोबारा ऑपरेशन थिएटर ले गए. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने परिजनों को बिना बताए दूसरा ऑपरेशन भी कर दिया. जब परिजनों ने दोबारा इस तरीके से ऑपरेशन करने की वजह पूछी तो डॉक्टर प्रशांत मिश्रा गोलमोल जवाब देने लगे. जब परिजनों ने इस मामले की पड़ताल शुरू की तो हकीकत कुछ और ही सामने आई.

परिजनों को पड़ताल में जानकारी हुई कि पहले वाले ऑपरेशन में गॉलब्लैडर की जगह बच्चेदानी निकाल दी थी, जबकि दूसरे ऑपरेशन में गॉलब्लेडर वाली पथरी को निकाला गया था. पीड़ित महिला के साथ आए उसके परिजन संजय का कहना है जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर प्रशांत का कहना था कि महिला गलत आरोप लगा रही है. उसका गॉलब्लैडर और बच्चेदानी दोनों खराब थी इसलिए दोनों को निकाला गया. वहीं पीड़ित नीतू का कहना है अब डॉक्टर प्रशांत मेरा इलाज तक करने से कट रहे हैं.

कानपुर: अस्पतालों में मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले तो अक्सर सामने आते हैं और इलाज में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन डॉक्टर इसके बावजूद सबक नहीं लेते हैं. ताजा मामला कानपुर के जिला महिला अस्पताल का है. यहां इलाज के नाम पर डॉक्टर की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां गॉलब्लैडर के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई महिला नीतू का आरोप है की पेट दर्द होने पर परिजनों के साथ वह उर्सला अस्पताल पहुंची थी. डॉक्टर प्रशांत ने गॉलब्लैडर में पथरी बताकर उसका ऑपरेशन करने को कहा, लेकिन जब डॉक्टर प्रशांत ने आपरेशन किया तो गॉलब्लैडर निकालने की बजाय बच्चेदानी को ही निकाल दिया. जब इस मामले की जानकारी परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को दी तो अस्पताल प्रशासन मामले को दबाने में जुट गया है.

जिला अस्पताल की लापरवाही.
दरअसल, उर्सला जिला हॉस्पिटल में नीतू नाम की महिला गॉलब्लैडर के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई थी. बुधवार को ऑपरेशन होने के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. इसके थोड़ी देर बाद ही महिला को जब दर्द उठा तो डॉक्टर उसे दोबारा ऑपरेशन थिएटर ले गए. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने परिजनों को बिना बताए दूसरा ऑपरेशन भी कर दिया. जब परिजनों ने दोबारा इस तरीके से ऑपरेशन करने की वजह पूछी तो डॉक्टर प्रशांत मिश्रा गोलमोल जवाब देने लगे. जब परिजनों ने इस मामले की पड़ताल शुरू की तो हकीकत कुछ और ही सामने आई.

परिजनों को पड़ताल में जानकारी हुई कि पहले वाले ऑपरेशन में गॉलब्लैडर की जगह बच्चेदानी निकाल दी थी, जबकि दूसरे ऑपरेशन में गॉलब्लेडर वाली पथरी को निकाला गया था. पीड़ित महिला के साथ आए उसके परिजन संजय का कहना है जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर प्रशांत का कहना था कि महिला गलत आरोप लगा रही है. उसका गॉलब्लैडर और बच्चेदानी दोनों खराब थी इसलिए दोनों को निकाला गया. वहीं पीड़ित नीतू का कहना है अब डॉक्टर प्रशांत मेरा इलाज तक करने से कट रहे हैं.

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