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कानपुर: धरने पर बैठी महिला को जिला प्रशासन ने दिलाया न्याय

यूपी के कानपुर के घाटमपुर कस्बा क्षेत्र में ससुराल पक्ष द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण विधवा महिला ने अपने मासूम बच्चों के साथ तहसील परिसर में धरना दिया था. शुक्रवार को तहसीलदार महिला के ससुराल पहुंचकर परिजनों से बात की और महिला के हक को दिलाने का कार्य किया.

धरने पर बैठी महिला को जिला प्रशासन ने दिलाया न्याय
धरने पर बैठी महिला को जिला प्रशासन ने दिलाया न्याय
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Published : Oct 10, 2020, 9:24 AM IST

कानपुर: जिले के घाटमपुर कस्बा क्षेत्र में ससुराल पक्ष द्वारा प्रताड़ित किए जाने और प्रशासन की तरफ से न्याय न मिलने के कारण विधवा महिला ने अपने मासूम बच्चों के साथ तहसील परिसर में धरना दिया था. पिछले पांच दिनों से बच्चों के साथ बैठी महिला की तबीयत अचानक खराब हो जाने के कारण प्रशासन ने डाक्टरों द्वारा महिला का डॉक्टरी परीक्षण करवाया. वहीं जिला प्रशासन ने महिला को न्याय दिलवाने के आश्वाशन दिया. शुक्रवार शाम तहसीलदार विनीत कुमार ने लेखपाल व पुलिस अमले के साथ महिला के ससुराल पहुंचकर पीड़ित महिला और ससुराल वालों से समझौता कराया.

धरने पर बैठी महिला को न्याय दिलाने के लिए तहसीलदार महिला के ससुराल पहुंचे.
धरने पर बैठी महिला को न्याय दिलाने के लिए तहसीलदार महिला के ससुराल पहुंचे.

आए दिन ससुराल वाले कर रहे परेशान
रीता देवी घाटमपुर कोतवाली के जवाहर नगर उत्तरी की रहने वाली है. रीता ने बताया कि छह वर्ष पहले उनके पति का देहांत हो गया था. पति के देहांत के बाद रीता के ससुराल वाले उसे आए दिन किसी न किसी बात को लेकर प्रताड़ित किया करते थे. इतना ही नही रीता ने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाते हुए बताया कि पति की मौत के बाद उसके सास-ससुर उसे घर से भी बेदखल कर दिया था. जिसके कारण उसको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसी कड़ी में रीता देवी कानून से न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन उसको केवल प्रशासन की तरफ से आश्वाशन ही मिला.

न्याय दिलाने तहसीलदार पहुंचे पीड़िता के घर
महिला ने बीते महीने भी न्याय पाने की आस में तहसील परिसर को अपना आशियाना बना लिया था. लेकिन आलाधिकारियों ने दोनो पक्षों को समझाबुझाकर रीता को न्याय दिलाने की बात कही थी. रीता के अनुसार, ससुराल पक्ष ने उसके बच्चों की पढ़ाई व उसका भरण पोषण करने का जिम्मा लिया था और बच्चों के नाम खेती लिखने की बात भी कही थी. बावजूद इसके रीता को न्याय केवल कागजी खाना पूर्ति रही. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार शाम तहसीलदार विनीत कुमार लेखपाल व पुलिस अमले के साथ रीता के ससुराल पहुंचे ओर दोनों पक्षों की बात सुनकर रीता को न्याय दिलाने की बात कही.

न्याय की आस में धरने पर बैठी महिला .
न्याय की आस में धरने पर बैठी महिला .

तहसीलदार विनीत कुमार ने बताया कि ये पारिवारिक कलह का मामला है. ससुराल पक्ष का अभी भी अपने पौत्र व पौत्री से लगाव है और रीता के ससुर ने दस हजार रुपये बच्चों के खाते में भेजे हैं. आए दिन हो रही कलह के चलते रीता के ससुर अपना पुस्तैनी मकान भी अपनी बहू व इसके बच्चों को देने के लिए तैयार है. बताते चलें कि रीता देवी के ससुर हार्ट के मरीज है. इस प्रकरण में जब रीता के पड़ोसियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रीता को आए दिन ससुराल वालों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता था. जिसके कारण वह न्याय की गुहार लगाते हुए कानून की चौखट पर बच्चों समेत जा बैठी.

कानपुर: जिले के घाटमपुर कस्बा क्षेत्र में ससुराल पक्ष द्वारा प्रताड़ित किए जाने और प्रशासन की तरफ से न्याय न मिलने के कारण विधवा महिला ने अपने मासूम बच्चों के साथ तहसील परिसर में धरना दिया था. पिछले पांच दिनों से बच्चों के साथ बैठी महिला की तबीयत अचानक खराब हो जाने के कारण प्रशासन ने डाक्टरों द्वारा महिला का डॉक्टरी परीक्षण करवाया. वहीं जिला प्रशासन ने महिला को न्याय दिलवाने के आश्वाशन दिया. शुक्रवार शाम तहसीलदार विनीत कुमार ने लेखपाल व पुलिस अमले के साथ महिला के ससुराल पहुंचकर पीड़ित महिला और ससुराल वालों से समझौता कराया.

धरने पर बैठी महिला को न्याय दिलाने के लिए तहसीलदार महिला के ससुराल पहुंचे.
धरने पर बैठी महिला को न्याय दिलाने के लिए तहसीलदार महिला के ससुराल पहुंचे.

आए दिन ससुराल वाले कर रहे परेशान
रीता देवी घाटमपुर कोतवाली के जवाहर नगर उत्तरी की रहने वाली है. रीता ने बताया कि छह वर्ष पहले उनके पति का देहांत हो गया था. पति के देहांत के बाद रीता के ससुराल वाले उसे आए दिन किसी न किसी बात को लेकर प्रताड़ित किया करते थे. इतना ही नही रीता ने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाते हुए बताया कि पति की मौत के बाद उसके सास-ससुर उसे घर से भी बेदखल कर दिया था. जिसके कारण उसको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इसी कड़ी में रीता देवी कानून से न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन उसको केवल प्रशासन की तरफ से आश्वाशन ही मिला.

न्याय दिलाने तहसीलदार पहुंचे पीड़िता के घर
महिला ने बीते महीने भी न्याय पाने की आस में तहसील परिसर को अपना आशियाना बना लिया था. लेकिन आलाधिकारियों ने दोनो पक्षों को समझाबुझाकर रीता को न्याय दिलाने की बात कही थी. रीता के अनुसार, ससुराल पक्ष ने उसके बच्चों की पढ़ाई व उसका भरण पोषण करने का जिम्मा लिया था और बच्चों के नाम खेती लिखने की बात भी कही थी. बावजूद इसके रीता को न्याय केवल कागजी खाना पूर्ति रही. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार शाम तहसीलदार विनीत कुमार लेखपाल व पुलिस अमले के साथ रीता के ससुराल पहुंचे ओर दोनों पक्षों की बात सुनकर रीता को न्याय दिलाने की बात कही.

न्याय की आस में धरने पर बैठी महिला .
न्याय की आस में धरने पर बैठी महिला .

तहसीलदार विनीत कुमार ने बताया कि ये पारिवारिक कलह का मामला है. ससुराल पक्ष का अभी भी अपने पौत्र व पौत्री से लगाव है और रीता के ससुर ने दस हजार रुपये बच्चों के खाते में भेजे हैं. आए दिन हो रही कलह के चलते रीता के ससुर अपना पुस्तैनी मकान भी अपनी बहू व इसके बच्चों को देने के लिए तैयार है. बताते चलें कि रीता देवी के ससुर हार्ट के मरीज है. इस प्रकरण में जब रीता के पड़ोसियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रीता को आए दिन ससुराल वालों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता था. जिसके कारण वह न्याय की गुहार लगाते हुए कानून की चौखट पर बच्चों समेत जा बैठी.

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