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कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान में नहीं दिखी कोरोना की छाया

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कानपुर के सरसैया गंगा घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और सूर्य देवता को जल अर्पित किया. गंगा में डुबकी लगाकर रहे श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए गोताखोर के साथ जल पुलिस के कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है.

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Published : Nov 30, 2020, 2:15 PM IST

devotees take bath in ganga
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

कानपुर: जिले के सरसैया गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा के निर्मल जल में डुबकी लगाई. इस दौरान कोरोना का असर देखने को नहीं मिला. बड़ी संख्मया में लोग मां गंगा की आरती के साथ पूजा पाठ करते नजर आए.

सरसैया घाट पर श्रद्धालुओं का लगा तांता
सरसैया गंगा घाट में जहां सुबह से ही कई जिलों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और सूर्य देवता को जल अर्पित किया. कानपुर जिला प्रशासन ने भी सुविधा कर रखी थी, जिसके चलते घाट में प्रवेश द्वार पर बैरिकेटिंग लगा कर वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया था. वहीं गंगा तट से कुछ दूरी पर भी बैरिकेटिंग लगा दी गई थी. गंगा में डुबकी लगाकर रहे श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए गोताखोर के साथ जल पुलिस के कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है.

कातिक पूर्णिमा का है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. पुराणों के अनुसार इस दिन जो मनुष्य विधि-विधान से पूजा करने के बाद दान-पुण्य करता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा, स्नान, दीपदान, यज्ञ और भगवान की पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार इस पावन दिन पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है.

कानपुर: जिले के सरसैया गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा के निर्मल जल में डुबकी लगाई. इस दौरान कोरोना का असर देखने को नहीं मिला. बड़ी संख्मया में लोग मां गंगा की आरती के साथ पूजा पाठ करते नजर आए.

सरसैया घाट पर श्रद्धालुओं का लगा तांता
सरसैया गंगा घाट में जहां सुबह से ही कई जिलों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और सूर्य देवता को जल अर्पित किया. कानपुर जिला प्रशासन ने भी सुविधा कर रखी थी, जिसके चलते घाट में प्रवेश द्वार पर बैरिकेटिंग लगा कर वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया था. वहीं गंगा तट से कुछ दूरी पर भी बैरिकेटिंग लगा दी गई थी. गंगा में डुबकी लगाकर रहे श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए गोताखोर के साथ जल पुलिस के कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है.

कातिक पूर्णिमा का है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. पुराणों के अनुसार इस दिन जो मनुष्य विधि-विधान से पूजा करने के बाद दान-पुण्य करता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा, स्नान, दीपदान, यज्ञ और भगवान की पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार इस पावन दिन पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है.

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