कानपुर: जैसे ही कोई अपराधी जेल का नाम भर सुनता है तो उसके पसीने छूट जाते हैं. नामचीन अपराधियों को जेल के अंदर बैरकों में नींद नहीं आती है. उन्हें भूख नहीं लगती है. लेकिन इसके विपरीत जब मंगलवार देर रात कुशाग्र के हत्या आरोपी प्रभात, शिवा और रचिता जेल पहुंचे तो उनके चेहरे पर मामूली शिकन तक नहीं थी. कहीं से भी उन्हें कुशाग्र की मौत का कोई गम और दु:ख नहीं था. न ही उनके हाव-भाव से लग रहा था. वहीं, जेल के अफसर तो तब हैरान रह गए जब रात में तीनों आरोपियों ने खूब खाना खाया. इसके बाद आराम से सो गए. जेल अधीक्षक डा.बीडी पांडेय ने बताया कि रचिता को महिला बैरक में रखा गया, जबकि प्रभात और शिवा को एक साथ एक बैरक में रखा गया था. जेल के अफसर यह अंदाजा लगा रहे थे कि तीनों नई उम्र के हैं और हत्या के मामले में जेल आए हैं तो उन्हें डर होगा. लेकिन, हत्यारे जरा सा भी नहीं डरे.
पुलिस के आला अफसरों से भिड़ गया था प्रभात, देर रात कबूला जुर्म: रायपुरवा थाना प्रभारी अंकिता वर्मा ने बताया कि कुशाग्र हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रभात बाद कई घंटों तक पुलिस के आला अफसरों को गुमराह करता रहा. उसके स्वभाव में बहुत अधिक घमंड दिख रहा था. वह लगातार खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश कर रहा था. एक समय तो आला अफसरों से वह भिड़ तक गया, मगर उसके बाद जैसे ही पुलिस ने सख्ती बरती, तो फौरन ही उसने जुर्म कबूल लिया. प्रभात ने इतने शातिर ढंग से इस हत्याकांड को अंजाम दिया जो आमतौर पर प्रोफेशनल क्रिमिनल ही करते हैं.
छह माह तक जमानत हो नहीं सकती: बुधवार को कुशाग्र हत्याकांड के सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 364 ए के अलावा धारा 201 व 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जेल अधीक्षक ने कहा कि अब 302 के तहत मुकदमा होने के चलते आरोपियों की छह माह तक तो जमानत हो ही नहीं पाएगी. सभी आरोपियों को सामान्य कैदियों की तरह बैरक में बंद किया गया है.
कुशाग्र हत्याकांडः आरोपी प्रभात, शिवा और रचिता को नहीं पछतावा, जेल में खूब खाना खाया
कानपुर में छात्र कुशाग्र (student Kushagra Murder in Kanpur) के हत्यारों प्रभात, शिवा और रचिता के चेहरे पर जेल में पहुंचने पर भी कोई शिकन तक नहीं दिखी और तीनों ने ही खूब खाया खाना. वहीं, रचिता को महिला बैरक में और प्रभात व शिवा को एक बैरक में साथ में रखा गया है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 1, 2023, 7:08 PM IST
कानपुर: जैसे ही कोई अपराधी जेल का नाम भर सुनता है तो उसके पसीने छूट जाते हैं. नामचीन अपराधियों को जेल के अंदर बैरकों में नींद नहीं आती है. उन्हें भूख नहीं लगती है. लेकिन इसके विपरीत जब मंगलवार देर रात कुशाग्र के हत्या आरोपी प्रभात, शिवा और रचिता जेल पहुंचे तो उनके चेहरे पर मामूली शिकन तक नहीं थी. कहीं से भी उन्हें कुशाग्र की मौत का कोई गम और दु:ख नहीं था. न ही उनके हाव-भाव से लग रहा था. वहीं, जेल के अफसर तो तब हैरान रह गए जब रात में तीनों आरोपियों ने खूब खाना खाया. इसके बाद आराम से सो गए. जेल अधीक्षक डा.बीडी पांडेय ने बताया कि रचिता को महिला बैरक में रखा गया, जबकि प्रभात और शिवा को एक साथ एक बैरक में रखा गया था. जेल के अफसर यह अंदाजा लगा रहे थे कि तीनों नई उम्र के हैं और हत्या के मामले में जेल आए हैं तो उन्हें डर होगा. लेकिन, हत्यारे जरा सा भी नहीं डरे.
पुलिस के आला अफसरों से भिड़ गया था प्रभात, देर रात कबूला जुर्म: रायपुरवा थाना प्रभारी अंकिता वर्मा ने बताया कि कुशाग्र हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रभात बाद कई घंटों तक पुलिस के आला अफसरों को गुमराह करता रहा. उसके स्वभाव में बहुत अधिक घमंड दिख रहा था. वह लगातार खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश कर रहा था. एक समय तो आला अफसरों से वह भिड़ तक गया, मगर उसके बाद जैसे ही पुलिस ने सख्ती बरती, तो फौरन ही उसने जुर्म कबूल लिया. प्रभात ने इतने शातिर ढंग से इस हत्याकांड को अंजाम दिया जो आमतौर पर प्रोफेशनल क्रिमिनल ही करते हैं.
छह माह तक जमानत हो नहीं सकती: बुधवार को कुशाग्र हत्याकांड के सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 364 ए के अलावा धारा 201 व 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जेल अधीक्षक ने कहा कि अब 302 के तहत मुकदमा होने के चलते आरोपियों की छह माह तक तो जमानत हो ही नहीं पाएगी. सभी आरोपियों को सामान्य कैदियों की तरह बैरक में बंद किया गया है.