कानपुर : जिस तरह किसी घटना के होने पर आमजन 1912 डायल करते हैं, ठीक वैसे ही अब अगर किसान या आमजन की गाय बीमार है तो वह 1962 डायल कर सकेंगे. जी हां, इस नंबर के डायल करते ही एक घंटे के अंदर एक चिकित्सा वैन संबंधित किसान के घर पर पहुंचेगी और मौके पर ही गाय का इलाज शुरू किया जाएगा. अगर तबियत अधिक बिगड़ी तो उसे पशुचिकित्सालय लाया जाएगा.
दुग्ध एवं पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह गुरुवार को कानपुर के भौंती और सरसौल स्थित गोशाला पहुंचे और यहां निरीक्षण किया. यहां गाय के गोबर और गोमूत्र से तैयार औषधियां, गोबर के लट्ठे, गमले, धूपबत्ती, और गोनाइल को देखा. साथ ही उन्होंने ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय निवासियों से भूसा दान की अपील की. दुग्ध एवं पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पशुओं की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह से सख्त है.
इसी कड़ी में एक नई पहल शुरू की गई है. इसके तरह अगर किसी किसान या आमजन की गाय बीमार है तो वह 1962 पर कॉल कर सूचना दे सकता है. एक घंटे के अंदर एक चिकित्सा वैन किसान के घर पर पहुंचेगी और मौके पर ही गाय का इलाज शुरू किया जाएगा. इतना ही नहीं अगर तबियत अधिक बिगड़ी होगी तो उसे पशुचिकित्सालय लाया जाएगा. इस वैन में एक डाक्टर, दो कंपाउंडर और एक ड्राइवर मौजूद होंगे.
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वहीं, मंत्री धर्मपाल सिंह ने अफसरों को निर्देशित किया कि हर दशा में 31 मई तक सभी गोवंश आश्रयस्थलों में आवश्यकतानुसार भूसा का स्टाक कर लिया जाए. साथ ही जो ग्राम पंचायतों की खाली जमीनें हैं, उन पर हरा चारा उगवाएं जिससे गोवंश को हरा चारा आसानी से मिल सके. मौके पर ही जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण व ब्लाॅक प्रमुख राजेश शुक्ल द्वारा दो सौ क्विंटल भूसा दान करने की घोषणा की गई.
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