कानपुर: जिले के बिठूर स्थित एक इंटर कॉलेज में तोड़फोड़ के 12 साल पुराने मामले में आरोपित विधायक अभिजीत सिंह सांगा को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए बालकृष्ण एन रंजन ने बरी कर दिया है. साक्ष्य के अभाव में अन्य चार आरोपित भी दोषमुक्त कर दिए गए हैं, जिनमें से एक आरोपित रहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी हैं.
बिठूर के शहीद भगत सिंह इंटर कालेज की प्राचार्य रजनी दीक्षित ने स्थानीय थाने में सुनवाई न होने पर 06 मार्च 2008 को शिकायती पत्र डीजीपी को भेजा था. शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि 23 फरवरी 2008 की सुबह 09 बजे वह अपने आवास पर मौजूद थीं, जबकि कॉलेज में अध्यापन कार्य चल रहा था. इस दौरान अभिजीत सिंह सांगा, राम मनोहर तिवारी, राणा गोस्वामी और विकास अवस्थी असलहे लेकर स्कूल में आए और कार्यालय में तोड़फोड़ की.
आरोप है कि खिड़की, दरवाजे, फर्नीचर और आलमारी आदि सारा सामान तोड़ने के बाद छात्रों को बाहर कर दिया गया. शोर सुनकर वह आवास से आईं और पूछा कि अभिजीत तोड़फोड़ क्यों कर रहे हो, तो उसने असलहा तान दिया. अभिजीत ने पूछा कि तुम्हारे पति कहां हैं. वहीं प्राचार्य रजनी दीक्षित ने चेन, रुपये और जरूरी कागजात ले जाने का आरोप भी लगाया था.
इसके बाद बिठूर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था और अभिजीत सिंह सांगा, राम मनोहर तिवारी, बीनू गोस्वामी, राणा गोस्वामी और विकास अवस्थी के खिलाफ तोड़फोड़ और मारपीट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी. वर्तमान में विकास अवस्थी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव हैं. वहीं घटना के वक्त अभिजीत भी कांग्रेस पार्टी में थे.
मुकदमा शुरू हुआ तो चश्मदीद गवाह रजनी दीक्षित ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए. विधायक और उनके बीच जमीन का मुकदमा चलने की बात भी कोर्ट को बताई. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ में जो भी नुकसान हुआ था, उसकी क्षतिपूर्ति मिल गई है. बिना दबाव उन्होंने समझौता कर लिया है. वहीं अधिवक्ता राहुल भट्ट ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया है.
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