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CSJMU में क्लास छूटने के बाद भी अब नहीं कोई टेंशन, विदेशों के प्रोफेसर से भी छात्र करेंगे संवाद

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Published : Mar 7, 2023, 9:44 AM IST

Updated : Mar 7, 2023, 11:43 AM IST

छत्रपति शाहू जी महाराज विवि (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University) के हर विभाग में स्मार्ट क्लासेज चलाई जा रही हैं. छत्रपति शाहू जी महाराज पूरी तरह से स्मार्ट क्लास चलाने वाला पहला विवि है. इसमें विदेशों के प्रोफेसर से छात्र संवाद कर सकेंगे.

Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University
Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University
छत्रपति शाहू जी महाराज विवि की स्मार्ट क्लास को लेकर जानकारी देते विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में पहले विद्यार्थी जब पढ़ाई करते थे तो शिक्षक हाथों में चॉक लेकर श्यामपट्ट पर उन्हें पढ़ाते थे. लेकिन, अब डिजिटल दुनिया का दौर है, जहां छात्र-छात्राएं पूरी तरह से स्मार्ट ढंग से ऑडियो-वीडियो विजुअल के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. यह नया सीएसजेएमयू है, जहां 100 से अधिक कक्षाओं का संचालन पूरी तरह से स्मार्ट क्लासेस के तौर पर हो रहा है. नवाचार की दिशा में बहुत तेज गति से कदम बढ़ाने वाले इस विवि के छात्र-छात्राएं व शिक्षक कहते हैं कि अब कोरोना जैसी किसी महामारी में हमारी पढ़ाई जारी रहेगी.

स्मार्ट तरीके से शिक्षा देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालयः सीएसजेएमयू के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि चॉक से श्यामपट्ट पर शिक्षा देने की जो प्रारंभिक नीति थी, वह दूर की बात हो चुकी है. अब विवि में हम लोगों ने तकनीकी क्षेत्र में एक नया कदम आगे बढ़ाया है. हमारी हर क्लास, स्मार्ट क्लासेस की तरह संचालित है. वहीं, कानपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था को शुरू किया गया है.

Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University
विवि में स्मार्ट क्लास लेते छात्र

उन्होंने कहा कि इन स्मार्ट क्लास की खास बात यह होगी कि शिक्षक छात्र-छात्राओं को अपना ऑनलाइन लेक्चर देंगे. वह उसे रिकॉर्ड भी कर सकते हैं. इसके अलावा जो भी छात्र किसी कारणवश कॉलेज नहीं आ पाते हैं या फिर उनका कोई लेक्चर छूट जाता है तो वह इसे विश्वविद्यालय के पोर्टल से दोबारा ले सकते हैं, जिसका नाम ज्ञान संचय है. इसके साथ ही इन स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से छात्र व छात्राएं विदेशी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से भी शिक्षा ले सकेंगे. हाल ही में कुछ विदेशी शिक्षकों से इसका ट्रॉयल भी कराया गया है. जो कि सफल रहा है. वहीं, अब विश्वविद्यालय कैंपस में लगभग 6000 छात्र-छात्राएं इन स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से शिक्षा ले रहे हैं.

Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University
स्मार्ट क्लास में छात्रों को पढ़ाते विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर (अंग्रेजी) संजय स्वर्णकार

परिवर्तन प्रकृति का नियम: विवि की नई व्यवस्था को लेकर विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर (अंग्रेजी) संजय स्वर्णकार ने बताया कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आज के समय में जो आधुनिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, उससे लोग डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के दिशा निर्देशन में कानपुर विश्वविद्यालय ने डिजिटलाइजेशन की ओर अपना एक कदम बढ़ाया है. जहां अब हर विभाग में स्मार्ट क्लासेस की सुविधा को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि जिसके माध्यम से छात्र व छात्राएं इसका लाभ ले सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ये अब डिजिटल दुनिया है. इसमें अब छात्र व छात्राओं की लिखने की समस्या भी खत्म हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि समय की धारा के साथ-साथ हमें अनुकूलन करना चाहिए और यह समय की मांग भी है. प्रोफेसर अब इन छात्र-छात्राओं को डिजिटल तरीके से शिक्षा दे रहे हैं.

इंटरनेट की वजह से हो रही लेक्चर लेने में समस्या: छात्रा सौम्या ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पहले हमारी कोई क्लास छूट जाती थी तो हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन, जब से विश्वविद्यालय में स्मार्ट क्लासेस की सुविधा शुरू हुई है तब से यह दिक्कत खत्म हो गई है. क्योंकि, अब हम कभी भी शिक्षक द्वारा दिए गए लेक्चर को सुन सकते हैं. लेक्चर की पीडीएफ भी मिल जाती है.

वहीं, छात्रा मुस्कान ने बताया कि अब विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अलावा देश के अन्य शिक्षकों से भी प्रशिक्षण लिया जा सकेगा. इंटरनेट के इस दौर में भले ही हमें इंटरनेट के माध्यम से शिक्षकों के द्वारा दिए गए लेक्चर व पीडीएफ मिल जाती है. लेकिन, कभी-कभी इंटरनेट की व्यवस्था ठीक न मिलने से काफी समस्या भी होती है. इसकी वजह से जो भी लेक्चर दिए जा रहे हैं, उन्हें लिखते भी हैं, ताकि इस तरीके की अगर कभी भी समस्या आए तो हमारे पास सारे नोट्स मौजूद हों.

ये भी पढ़ेंः अमेठी में आरिफ से सारस की दोस्ती के कायल हुए अखिलेश यादव

छत्रपति शाहू जी महाराज विवि की स्मार्ट क्लास को लेकर जानकारी देते विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति

कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में पहले विद्यार्थी जब पढ़ाई करते थे तो शिक्षक हाथों में चॉक लेकर श्यामपट्ट पर उन्हें पढ़ाते थे. लेकिन, अब डिजिटल दुनिया का दौर है, जहां छात्र-छात्राएं पूरी तरह से स्मार्ट ढंग से ऑडियो-वीडियो विजुअल के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. यह नया सीएसजेएमयू है, जहां 100 से अधिक कक्षाओं का संचालन पूरी तरह से स्मार्ट क्लासेस के तौर पर हो रहा है. नवाचार की दिशा में बहुत तेज गति से कदम बढ़ाने वाले इस विवि के छात्र-छात्राएं व शिक्षक कहते हैं कि अब कोरोना जैसी किसी महामारी में हमारी पढ़ाई जारी रहेगी.

स्मार्ट तरीके से शिक्षा देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालयः सीएसजेएमयू के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि चॉक से श्यामपट्ट पर शिक्षा देने की जो प्रारंभिक नीति थी, वह दूर की बात हो चुकी है. अब विवि में हम लोगों ने तकनीकी क्षेत्र में एक नया कदम आगे बढ़ाया है. हमारी हर क्लास, स्मार्ट क्लासेस की तरह संचालित है. वहीं, कानपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था को शुरू किया गया है.

Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University
विवि में स्मार्ट क्लास लेते छात्र

उन्होंने कहा कि इन स्मार्ट क्लास की खास बात यह होगी कि शिक्षक छात्र-छात्राओं को अपना ऑनलाइन लेक्चर देंगे. वह उसे रिकॉर्ड भी कर सकते हैं. इसके अलावा जो भी छात्र किसी कारणवश कॉलेज नहीं आ पाते हैं या फिर उनका कोई लेक्चर छूट जाता है तो वह इसे विश्वविद्यालय के पोर्टल से दोबारा ले सकते हैं, जिसका नाम ज्ञान संचय है. इसके साथ ही इन स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से छात्र व छात्राएं विदेशी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से भी शिक्षा ले सकेंगे. हाल ही में कुछ विदेशी शिक्षकों से इसका ट्रॉयल भी कराया गया है. जो कि सफल रहा है. वहीं, अब विश्वविद्यालय कैंपस में लगभग 6000 छात्र-छात्राएं इन स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से शिक्षा ले रहे हैं.

Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University
स्मार्ट क्लास में छात्रों को पढ़ाते विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर (अंग्रेजी) संजय स्वर्णकार

परिवर्तन प्रकृति का नियम: विवि की नई व्यवस्था को लेकर विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर (अंग्रेजी) संजय स्वर्णकार ने बताया कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आज के समय में जो आधुनिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, उससे लोग डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के दिशा निर्देशन में कानपुर विश्वविद्यालय ने डिजिटलाइजेशन की ओर अपना एक कदम बढ़ाया है. जहां अब हर विभाग में स्मार्ट क्लासेस की सुविधा को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि जिसके माध्यम से छात्र व छात्राएं इसका लाभ ले सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि ये अब डिजिटल दुनिया है. इसमें अब छात्र व छात्राओं की लिखने की समस्या भी खत्म हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि समय की धारा के साथ-साथ हमें अनुकूलन करना चाहिए और यह समय की मांग भी है. प्रोफेसर अब इन छात्र-छात्राओं को डिजिटल तरीके से शिक्षा दे रहे हैं.

इंटरनेट की वजह से हो रही लेक्चर लेने में समस्या: छात्रा सौम्या ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पहले हमारी कोई क्लास छूट जाती थी तो हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन, जब से विश्वविद्यालय में स्मार्ट क्लासेस की सुविधा शुरू हुई है तब से यह दिक्कत खत्म हो गई है. क्योंकि, अब हम कभी भी शिक्षक द्वारा दिए गए लेक्चर को सुन सकते हैं. लेक्चर की पीडीएफ भी मिल जाती है.

वहीं, छात्रा मुस्कान ने बताया कि अब विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अलावा देश के अन्य शिक्षकों से भी प्रशिक्षण लिया जा सकेगा. इंटरनेट के इस दौर में भले ही हमें इंटरनेट के माध्यम से शिक्षकों के द्वारा दिए गए लेक्चर व पीडीएफ मिल जाती है. लेकिन, कभी-कभी इंटरनेट की व्यवस्था ठीक न मिलने से काफी समस्या भी होती है. इसकी वजह से जो भी लेक्चर दिए जा रहे हैं, उन्हें लिखते भी हैं, ताकि इस तरीके की अगर कभी भी समस्या आए तो हमारे पास सारे नोट्स मौजूद हों.

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Last Updated : Mar 7, 2023, 11:43 AM IST
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