कानपुर: एनकाउंटर में मारे जा चुके बिकरु कांड के कुख्यात विकास दुबे के किलेनुमा घर को पुलिस द्वारा गिराते हुए सभी ने मीडिया कवरेज में देखा था. वहीं पुलिसिया कार्रवाई में गैंगस्टर का किलेनुमा घर ढहने की अलग ही कहानी दर्ज है. दरअसल मकान ढहाने के बाद तत्कालीन एसओ द्वारा दर्ज कराए गए आर्म्स एक्ट में यह राज खुला है कि पुलिस ने विकास दुबे का घर नहीं गिराया, बल्कि दीवारें छत का भार नहीं सहन कर पाई, जिस वजह से मकान ढह गया. साथ ही इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पुलिस ने तो जेसीबी से केवल मलबा ही हटाया था.
बिकरू कांड के बाद ढहाया गया था विकास दुबे का घर
कानपुर एनकाउंटर की घटना के बाद पुलिस ने उसके पैतृक गांव स्थित घर को बुलडोजर से गिरा दिया था. इसके बाद पुलिस उसकी अन्य संपत्तियों की भी जांच कर रही थी. पुलिस इन संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में लगी थी. वहीं पुलिस को इनपुट मिला था कि विकास दुबे के घर में भारी मात्रा में हथियारों और असलहों का जखीरा है. इसको लेकर पुलिस ने अपराधी विकास दुबे के घर को गिराने की कार्रवाई की थी.
'भार सहन न कर सकी दीवार'
गैंगस्टर विकास दुबे का मकान गिरने का यह राज पुलिस द्वारा चार जुलाई 2020 को दर्ज एफआईआर संख्या- 196 में छिपा था. तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी की ओर से आर्म्स एक्ट की धाराओं में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि चार जुलाई को मुखबिर से पता चला कि विकास के घर में दीवारें खोखली कर उनमें हथियार छिपाए जाते हैं. इस सूचना पर जब पुलिस टीम विकास दुबे के घर पहुंची तो वहां दर्जनों स्थानों पर गड्ढे बने दिखे. खोखलेपन के कारण जर्जर मकान में दीवारें खोदकर हथियार बरामद करना खतरे का काम था, इसलिए जेसीबी की मदद ली गई.
पुलिस ने एफआईआर में दावा किया है कि पहले से जर्जर दीवारों को जब पुलिस ने खंगाला तो जर्जर दीवारें छत का भार सहन नहीं कर सकीं और भरभरा कर गिर गईं. साथ ही यह भी कहा गया है कि पुलिस ने हथियारों की तलाशी के लिए जेसीबी से मलबा हटवाया था.