कानपुर: इंजीनियरिंग कॉलेजों को एफीलिएशन देने वाला अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एआईसीटीई ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में काफी बदलाव किया है. देखने में आ रहा था कि इंजीनियरिंग क्षेत्र में रोजगार में कमी आ रही थी और शिक्षा का स्तर भी पहले से घट रहा था. जिसको लेकर एआईसीटीई ने इसके सुधार के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किए हैं.
इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को 6 महीने की करनी होगी ट्रेनिंग
आपको बता दें कि अब बीटेक यानी कि इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई के पाठ्यक्रम के साथ 6 महीने की ट्रेनिंग करना एआईसीटीई में अनिवार्य किया है. यह ट्रेनिंग पूरे इंजीनियरिंग के टाइम कभी भी की जा सकती है. यह ट्रेनिंग जरूरी नहीं कि एक साथ की जाए. दो 2 महीने में भी की जा सकती है.
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आपको बता दें कि पहले इंजीनियरिंग के छात्र एक माह की ट्रेनिंग करते थे जो कि समर वेकेशन में करते थे लेकिन यह ट्रेनिंग उनके सेमेस्टर के साथ ही करनी होगी. ट्रेनिंग के साथ रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बीटेक के पाठ्यक्रम की शिक्षा को कॉन्सेप्ट एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को एआईसीटीई निर्देश दिया है.