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2800 करोड़ से लेदर इंडस्ट्री के अच्छे दिन आ जाएंगे, हर उत्पाद पर बीआईएस का टैग

कानपुर के चमड़ा इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) को जारी किया जाएगा. जिससे जहां कारोबारियों को कारोबार विस्तार का मौका मिलेगा.

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Published : Mar 21, 2023, 10:37 PM IST

लेदर इंडस्ट्री कानपुर को मिलेंगे 28 सौ करोड़.

कानपुर: पूरी दुनिया में कानपुर की पहचान एक औद्योगिक नगरी के तौर पर है. यहां जो चमड़े के उत्पाद बनते हैं, उनकी विदेशों में जबर्दस्त मांग है. ऐसे में चमड़ा इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए और कारोबारियों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. आगामी दिनों में सरकार की ओर से प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) को जारी किया जाएगा, जिसमें करीब 2800 करोड़ रुपये की राशि फंड के तौर पर दी जाएगी. इससे जहां कारोबारियों को अपने कारोबार विस्तार का मौका मिलेगा. वहीं देश के अंदर आर्थिक नजरिए से विकास का पहिया तेजी से घूम सकेगा.

एक जुलाई से लागू होगी स्कीम: ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कांउसिल फार लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि एक जुलाई से पीएलआई स्कीम लागू होगी. इस स्कीम को लेकर खुद फैसला वाणिज्य मंत्री के स्तर से किया गया है. स्कीम को लाने का विशेष मकसद यह है कि अभी तक जो कंपोनेंट हमें अन्य देशों या शहरों से लेने पड़ते हैं, उन्हें भारत में ही बनाया जा सके. इस इंडस्ट्री की यह भी खासियत है कि इसमें लागत कम है और इंप्लॉयमेंट बहुत अधिक है. ऐसे में लेदर इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए उक्त स्कीम एक गेमचेंजर साबित होगी.

हर उत्पाद पर होगा बीआईएस का टैग: सीएलई के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि अब पीएलआई स्कीम लागू होने के बाद जो उत्पाद तैयार होंगे, उनका अपना एक स्टैंडर्ड होगा. उन्होंने कहा, खुद पीएम मोदी कहते हैं कि देश में जो उत्पाद तैयार हों वह जीरो इफेक्ट व जीरो डिफेक्ट वाले हों. ऐसे में आने वाले समय में हर उत्पाद पर ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड का टैग होगा, इससे वैश्विक स्तर पर हमारे उत्पादों की मांग बढ़ जाएगी. हम जिन देशों में उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे, वहां कारोबारी पूरे विश्वास के साथ उत्पादों को ले सकेंगे.

करीब आठ हजार करोड़ का है सालाना कारोबार: फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में कानपुर से चमड़े के जो उत्पाद 100 से अधिक देशों में भेजे जाते हैं. कानपुर से कुल निर्यात कारोबार सालाना जहां लगभग 9500 करोड़ रुपये है. वहीं केवल चमड़े का सालाना कारोबार करीब 8000 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि कुछ सालों पहले ही लेदर इंडस्ट्री में बूम लाने के लिए केंद्र सरकार से कई सौ करोड़ रुपये का पैकेज सरकार ने जारी किया था. अब, एक बार फिर पीएलआई स्कीम लागू होने से लेदर कारोबारियों के अच्छे दिन आ जाएंगे.

इसे भी पढ़ें-कानपुर में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तक शुरू होंगे 30 हज़ार करोड़ के उद्योग

लेदर इंडस्ट्री कानपुर को मिलेंगे 28 सौ करोड़.

कानपुर: पूरी दुनिया में कानपुर की पहचान एक औद्योगिक नगरी के तौर पर है. यहां जो चमड़े के उत्पाद बनते हैं, उनकी विदेशों में जबर्दस्त मांग है. ऐसे में चमड़ा इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए और कारोबारियों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. आगामी दिनों में सरकार की ओर से प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) को जारी किया जाएगा, जिसमें करीब 2800 करोड़ रुपये की राशि फंड के तौर पर दी जाएगी. इससे जहां कारोबारियों को अपने कारोबार विस्तार का मौका मिलेगा. वहीं देश के अंदर आर्थिक नजरिए से विकास का पहिया तेजी से घूम सकेगा.

एक जुलाई से लागू होगी स्कीम: ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कांउसिल फार लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि एक जुलाई से पीएलआई स्कीम लागू होगी. इस स्कीम को लेकर खुद फैसला वाणिज्य मंत्री के स्तर से किया गया है. स्कीम को लाने का विशेष मकसद यह है कि अभी तक जो कंपोनेंट हमें अन्य देशों या शहरों से लेने पड़ते हैं, उन्हें भारत में ही बनाया जा सके. इस इंडस्ट्री की यह भी खासियत है कि इसमें लागत कम है और इंप्लॉयमेंट बहुत अधिक है. ऐसे में लेदर इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए उक्त स्कीम एक गेमचेंजर साबित होगी.

हर उत्पाद पर होगा बीआईएस का टैग: सीएलई के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने बताया कि अब पीएलआई स्कीम लागू होने के बाद जो उत्पाद तैयार होंगे, उनका अपना एक स्टैंडर्ड होगा. उन्होंने कहा, खुद पीएम मोदी कहते हैं कि देश में जो उत्पाद तैयार हों वह जीरो इफेक्ट व जीरो डिफेक्ट वाले हों. ऐसे में आने वाले समय में हर उत्पाद पर ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड का टैग होगा, इससे वैश्विक स्तर पर हमारे उत्पादों की मांग बढ़ जाएगी. हम जिन देशों में उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे, वहां कारोबारी पूरे विश्वास के साथ उत्पादों को ले सकेंगे.

करीब आठ हजार करोड़ का है सालाना कारोबार: फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में कानपुर से चमड़े के जो उत्पाद 100 से अधिक देशों में भेजे जाते हैं. कानपुर से कुल निर्यात कारोबार सालाना जहां लगभग 9500 करोड़ रुपये है. वहीं केवल चमड़े का सालाना कारोबार करीब 8000 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि कुछ सालों पहले ही लेदर इंडस्ट्री में बूम लाने के लिए केंद्र सरकार से कई सौ करोड़ रुपये का पैकेज सरकार ने जारी किया था. अब, एक बार फिर पीएलआई स्कीम लागू होने से लेदर कारोबारियों के अच्छे दिन आ जाएंगे.

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