कानपुर: एक बार फिर पूर्व बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया (Former BJP leader Narayan Singh Bhadauria) चर्चा में है. आरोप है कि जेल से छूटने के बाद नारायण शांत नहीं बैठा और बाबू पुरवा थाना क्षेत्र (babu purwa police station area) अंतर्गत आने वाली एक जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने नाम करवा ली, जिस पर जमीन के असली मालिक द्वारा कानपुर कमिश्नर से शिकायत की गई. इसके बाद कमिश्नर के आदेश पर बाबू पुरवा थाने में कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. बता दें कि टेनरीमें कब्जा करने के मामले में अभी हाल ही में जेल से वह जेल से छूटे हैं.
आरोप है कि, भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) से पूर्व जिला मंत्री नारायण भदौरिया द्वारा लगातार अपराध किया जा रहा है. इतना ही नहीं कई अपराधियों को वह पनाह भी देते हैं, जिसमें रॉकी यादव, विवेक निगम, शमशाद जैसे अन्य शामिल है. बीते 1 साल पहले पुलिस के चंगुल से एक अपराधी मनोज सिंह को नारायण भदौरिया ने अपने दबंग साथियों के साथ छुड़वा दिया था, जिसके बाद नारायण भदौरिया और उसके कुछ साथी जेल भेजे गए थे. जेल से छूट के आने के बाद रॉकी यादव, विवेक निगम जैसे दर्जनों अपराधियों के साथ नारायण भदौरिया जाजमऊ में टेनरी पर कब्जा (Tannery captured in Narayan Bhadauria Jajmau) करने पहुंचा था, जहां से उसे फिर एक बार जेल भेजा गया. अब हाल ही में बाबू पुरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक जमीन कब्जा करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि फर्जी जमीन के कागज बनवा कर नारायण भदौरिया ने जमीन अपने नाम करवा ली थी और फिर उसे लोगों को बेच रहा था.
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वहीं, जमीन के असली मालिक राजेंद्र कुमार गुप्ता ने इस पूरे मामले की शिकायत कानपुर कमिश्नर से की. इसके बाद उनके आदेशों के बाद जांच पड़ताल कर बाबू पुरवा थाने में नारायण भदौरिया सहित कई लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसमें नारायण सिंह भदौरिया, राकेश अवस्थी, चांद खान, मनोज अवस्थी, छोटू, शमशाद अली, सरताज अली, प्रशांत सिंह वह अन्य दर्जनों अज्ञात है. वहीं, नारायण भदौरिया के राइट हैंड रॉकी यादव की बात की जाए तो टेनरी मामले से अभी तक फरार चल रहा है, जिसकी तलाश जारी है.